उत्तराखंड : बढ़ते कोविड कर्फ्यू से परेशान व्यापारी, कहीं दे रहे धरना, कहीं कर रहे घेराव तो कहीं दे रहे ज्ञापन

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : लगातार बढ़ रहे कोविड कर्फ्यू के कारण खराब हो रही आर्थिक स्थिति से परेशान उत्तराखंड के व्यापारी अब अपना धैर्य खो चले हैं। जहां पड़ोसी राज्य उ.प्र. सहित अन्य राज्यों ने अनलाॅक की प्रक्रिया शुरु कर चुके हैं। वहीं उत्तराखंड सरकार ने घटते कोरोना संक्रमण के बावजूद लाॅकडाउन को 1 हफ्ते के लिए फिर से बढ़ा दिया। जिससे 1 जून से बाजार खुलने की उम्मीद लगाये व्यापारियों की आशाओं पर तुषारापात हो गया।
जिसके बाद अब व्यापारियों ने लाॅकडाउन का विरोध करना शुरु कर दिया है। रुद्रपुर में आज व्यापारियों ने भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल का घेराव कर अपना विरोध जताया। वहीं काशीपुर, जसपुर, नैनीताल आदि शहरों के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज अपना विरोध जताया है। वहीं हल्द्वानी सहित प्रदेश के अन्य व्यापारियों ने अपने-अपने घरों से शंखनाद कर अपना विरोध दर्ज करवाया है। व्यापारियों की मांग है कि सभी दुकानों को आवश्यक वस्तुओं की दुकानों की भांति खुलने की इजाजत दी जाये।
आपको बतादें कि पिछले वर्ष के मुकाबले कोरोना संक्रमण ने इस बार बहुत ही कहर बरपाया है और कितने हीे व्यक्ति असमय ही काल के गाल में समा गये। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लाॅकडाउन लगाना आवश्यक हो गया। लेकिन विगत वर्ष की भांति इस वर्ष केंद्र सरकार ने पूरे देश में लाॅकडाउन न लगाने का निर्णय लेते हुए इसकी जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी। जिसके बाद राज्यों ने अपनी मर्जी से लाॅकडाउन लगाने शुरु कर दिये। जिसका व्यापारियों ने समर्थन भी किया और कोविड कफ्र्यू को अपना सहयोग भी दिया।
लेकिन पिछले वर्ष चूंकि लाॅकडाउन केंद्र सरकार ने लगाया था। इसलिए उसने व्यापारियों को कुछ राहत भी प्रदान की थी। जिसमें सबसे बड़ा कदम लोन की किश्त चकाने में 6 महीने की रियायत दी गई थी। जिस कारण लाॅकडाउन में जहां व्यापारी को लोन की किश्त देने की राहत मिल गई। वहीं उसने अपनी जमा पूंजी के जरिये लाॅकडाउन का पीरीयड गुजार लिया। लेकिन पिछले वर्ष से चले आ रहे लाॅकडउान, उसकी पाबन्दियों के कारण व्यापार पूर्ण रूप से चल नहीं पाया और आर्थिक रूप से बरबाद हो जाने के कारण व्यापारी इस वर्ष कुछ रकम भी नहीं जोड़ पाया जिससे वह इस बार का लाॅकडाउन झेल पाता। वहीं राज्य सरकार ने भी व्यापारी के लिए किसी भी आर्थिक पैकेज का एलान नहीं किया है। बिजली के बिल माफ तो क्या करती और बिजली की दरों में इजाफा कर दिया।

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