विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : चैती चौराहा स्थित एक रेस्टोरेंट के स्वामी ने एक व्यक्ति पर उनकी सामाजिक छवि खराब करने के लिए उनके रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ कर 1.25 लाख रुपये का नुकसान करने का आरोप लगाया है। आईटीआई थाना पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
चौनियाल भवन, श्यामपुरम, काशीपुर निवासी सुरेश राम चौनियाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह सिंडिकेट बैंक के रिटायर्ड वरिष्ठ प्रबन्धक 65 साल के वरिष्ठ नागरिक हैं और रिटायरमेन्ट के बाद उन्होंने सिंध फैमिली रेस्टोरेंट के नाम से चैती चौराहे पर एक रेस्टोरेंट खोला है।उनके रेस्टोरेन्ट के निकट दो शैक्षिणिक संस्थाएं हैं जिनके विद्यार्थी और स्टाफ उनके रेस्टोरेन्ट में अक्सर नाश्ता करने आते हैं। उनके रेस्टोरेन्ट में नाश्ते और खाने के अतिरिक्त ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है।
चौनियाल ने बताया कि दिनांक 25.10.2024 को आम दिनों की तरह वह होटल की व्यवस्था में संलग्न थे। प्रथम तल पर 4-5 विद्यार्थी नाश्ता कर रहे थे। जिनमें दो लड़की और तीन लड़के थे। इस दौरान एक ग्राहक ने रेस्टोरेन्ट में प्रवेश किया तथा सीधे बिना उनकी अनुमति के प्रथम तल पर आ गया। एक सामान्य ग्राहक समझ कर उसके व्यवहार को नजरअंदाज कर दिया। तभी प्रथम तल से उठा-पटक व चिल्लाने की आवाज आने लगी। इससे पहले की हम कुछ समझ पाते। बच्चों में भागम-भाग मच गयी और एक दहशत का माहौल बन गया। मैं ग्राउन्ड फ्लोर पर बैठा था तभी वह व्यक्ति जिसे हमने ग्राहक समझा था ग्राउन्ड फ्लोर पर आया और उनके साथ गाली-गलौच व अपशब्द कहते हुये उत्पात मचाने लगा तथा कम्प्यूटर, चेयर, ऑफिस का सामान व जरूरी कागजात इधर-उधर फेंकने लगा तथा रसोई के सामान में प्रयुक्त होने वाले छन्ने से रेस्टोरेन्ट के शीशे व अन्य सामान को तोड़ दिया।
चौनियाल ने बताया कि इसी दौरान उक्त व्यक्ति ने टूटे शीशे को लेकर उनके कर्मचारी अजय कुमार पर जानलेवा हमले की कोशिश भी की। हतप्रभ हो गये वह और उनका स्टाफ कोई विरोध नहीं कर सका और न ही हम विरोध करने की स्थिति में थे। क्योंकि ऐसा हमला हमारे लिये अप्रत्याशित था । उन्होंने 112 पुलिस हैल्प लाईन पर पुलिस को सूचित किया। भीड़ में कई लोगों ने उसकी पहचान एक असामाजिक तत्व के रूप में की जोकि गुप्ता के रूप में अपनी पहचान जाहिर कर हमें धमका रहा था।
चौनियाल ने कहा कि यदि उस व्यक्ति को कोई आपत्ति थी तो रेस्टोरेन्ट प्रबंधन / पुलिस को सूचित करता। उसने ऐसा न कर कानून के साथ खिलवाड़ कर दहशत का माहौल बनाया। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हुआ कि उसने सोची समझी व पूर्व नियोजित साजिश के तहत उनके रेस्टोरेन्ट व सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर चोट पहुंचायी। पुलिस के आने पर उसने इतने गंभीर अपराध को मात्र शीशे बदलवाने व दरवाजे की मरम्मत करवाने तक सीमित कर दिया जबकि अन्य नकारा हुआ सामान जिनकी अनुमानित कीमत 50-60 हजार रुपये है को नजरअंदाज कर दिया गया। इस सम्पूर्ण तोड़-फोड़ व उपद्रव में उनका लगभग 1,25,000 रुपये का नुकसान हो गया। पुलिस द्वारा हस्तक्षेप करने के बावजूद उसने कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी और न ही किसी प्रकार का खेद व्यक्त किया।
चौनियाल ने बताया कि वह एक रिटायर्ड सरकारी बैंक कर्मचारी किस प्रकार इस उपद्रव का विरोध कर पाता? ताउम्र कानून का सम्मान करने वाले व्यक्ति ने अपने किसी भी स्टाफ को प्रतिक्रिया करने व प्रहार करने की अनुमति नहीं दी । 2-3 घंटे बाद जब स्थिति सामान्य हुई, तब उन्हें इस गंभीर वारदात के परिणाम का एहसास हुआ। उन्हें आभास हुआ कि उनकेी वर्षों की कमाई (सामाजिक सम्मान) को तथा 40 वर्ष सरकारी, देश की सेवारत को एक असामाजिक तत्व व उपद्रवी तत्व ने धूल धूषरित कर दिया। जब उनके परिवार को इस दुर्घटना का पता चला तभी से उनकी पत्नी गुमसुम है और वह दोनों पति-पत्नी दहशत में है कि ये क्या अनर्थ हो गया । टूटे-फूटे सामान की क्षतिपूर्ति के अतिरिक्त मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा की हानि की भरपाई किस प्रकार की जा सकेगी? हम क्षुब्ध है और रेस्टोरेन्ट में कोई सेवा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 324(5), 351(3), 352 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एएसआई पुष्कर दत्त भट्ट के हवाले की है।