पुरोला विधानसभा के तलड़ा गांव के लिए पहले जिला पंचायत की ओर से आर.सी.सी पुलिया बनाई गई थी। यह पुलिया गत वर्ष मानसून के दौरान कमल नदी के उफान पर आने के बाद बह गई थी।
शासन-प्रशासन की अनदेखी से परेशान तलड़ा गांव के ग्रामीणों ने कमल नदी पर आवाजाही के लिए अस्थायी पुलिया का निर्माण किया है। ग्रामीणों का कहना है कि, गांव के लिए बनी आरसीसी पुलिया गत वर्ष बह गई थी।
उसके बाद से आज तक गांव के लिए पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है। यही कारण है आज भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं।
पुरोला विधानसभा के तलड़ा गांव के लिए पहले जिला पंचायत की ओर से आरसीसी पुलिया बनाई गई थी। यह पुलिया गत वर्ष मानसून के दौरान कमल नदी के उफान पर आने के बाद बह गई थी।
उसके बाद ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए वहां पर पत्थरों से अस्थाई पुल तैयार किया था, जो कि एक वर्ष चलने के बाद इस साल भी बरसात के दौरान बह गई।
ग्रामीण अनिल रावत, ऋतिक चमोली, विपिन रावत, राजेन्द्र रावत, हरवीर राणा, प्रेम सिंह राणा, हरेंद्र राणा, सोहन लाल, दीपक चन्द, हरदेव सिंह का कहना है कि, पुलिया बहने के कारण उन्हें अपनी फसलें सड़क तक पहुंचाने के लिए करीब चार से पांच किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।
इसके साथ ही स्कूली बच्चों को भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में करीब 40 परिवार निवास करते हैं।
शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। उसके बाद जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने स्वंय श्रमदान कर कमल नदी पर लकड़ी की पुलिया का निर्माण किया।