शाहजहांपुर (महानाद) : एक युवक को प्रेम जाल में फंसाकर और शादी करने का झांसा देकर 21 लाख रुपये ऐंठने के मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बंडा थाने में महिला तहसीलदार (न्यायिक) और उसके परिवार के लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसपी ग्रामीण संजीव वाजपेयी ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित युवक की तहरीर के आधार पर बंडा थाना पुलिस ने 29 जून को आकांक्षा मिश्रा (तहसीलदार, न्यायिक), सलमान अहमद और आकांक्षा के परिवार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (किसी के साथ विश्वासघात और आपराधिक कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बसंतापुर गांव निवासी गुरविंदर सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गुरविंदर सिंह वर्ष 2012 में दिल्ली में कोचिंग करता था। वहीं पर उसके साथ आकांक्षा मिश्रा भी कोचिंग करती थी। दोनों के बीच में प्रेम संबंध बन गया। आकांक्षा ने उसे शादी का आश्वासन दिया। और फिर दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। गुरविंदर का आरोप है कि इसके बाद आकांक्षा ने उससे काफी रुपये खुद भी वसूले और अपने परिवार को भी दिलवाये। बाद में आकांक्षा ने कुछ पैसे वापस कर दिये। लेकिन इसी बीच आकांक्षा मिश्रा की नियुक्ति नायब तहसीलदार के पद पर प्रतापगढ़ जिले में हो गई। इसके बाद भी गुरविंदर आकांक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे खर्च करता रहा।
एसपी संजीव वाजपेयी के मुताबिक आकांक्षा के परिवार वाले गुरविंदर को शादी का आश्वासन देते रहे। लेकिन फिर आकांक्षा व उसके परिवार की नीयत बदल गई। और आकांक्षा ने अपने एक मित्र सलमान अहमद और परिवार के साथ षड्यंत्र के तहत गुरविंदर के विरुद्ध थाना लालगंज, प्रतापगढ़ में दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा कर जेल भेज दिया। जिसके बाद गुरविंदर को 15 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली। गुरविंदर का आरोप है कि आकांक्षा मिश्रा ने केवल रुपयों की खातिर उसके साथ प्रेम का दिखावा किया। जिससे उसे मानसिक और आर्थिक क्षति हुई।