महानाद डेस्क : विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त 2024) के अवसर पर काशीपुर नगर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि सहोता ने कहा कि ही मायनों में स्तनपान को ‘तरल सोना’ कहा जाता है, नवजात शिशुओं के लिए पोषण और सुरक्षा का यह सर्वाेत्तम स्रोत है।
डॉ. रवि सहोता ने बताया कि स्तनपान के लाभ केवल शिशु के शारीरिक विकास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्तनपान के दौरान मां और बच्चे के बीच बनने वाला जुड़ाव एक अनूठा अनुभव है, जो बच्चे के आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करता है।
स्तनपान के शारीरिक लाभों पर नजर डालें तो, मां का दूध शिशु के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों का एक संपूर्ण स्रोत है। यह शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे विभिन्न बीमारियों से बचाता है। मां का दूध न केवल पोषण प्रदान करता है बल्कि इसमें मौजूद एंटीबॉडीज़ शिशु को संक्रमण से भी बचाते हैं।
डॉ. सहोता ने बताया कि मां के लिए भी स्तनपान के कई लाभ होते हैं। यह प्रसव के बाद वजन घटाने में सहायक होता है और महिलाओं में स्तन और गर्भाशय के कैंसर के जोखिम को कम करता है। साथ ही, स्तनपान से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है।
डॉ. सहोता ने कहा हालांकि, वर्तमान समय में शहरीकरण और आधुनिक जीवनशैली के कारण स्तनपान के प्रति रुझान में कमी आई है। कामकाजी महिलाओं के लिए स्तनपान को जारी रखना एक चुनौती बन गया है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम एक ऐसा समाज और कार्यस्थल बनाएं जो स्तनपान को प्रोत्साहित करे और महिलाओं को इसे जारी रखने के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करे।
उन्होंने कहा कि सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को भी स्तनपान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाने चाहिए। इसके अलावा, स्तनपान के बारे में सही जानकारी और जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
डॉ. सहोता ने कहा कि स्तनपान केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी भी है। हर मां और बच्चे को इस ‘तरल सोने’ का लाभ मिलना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ और मजबूत हो सके।
स्तनपान एक प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जिससे शिशु को स्वस्थ और संपूर्ण जीवन की ओर अग्रसर किया जा सकता है। आइए, हम सब मिलकर इस विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर स्तनपान के महत्व को समझें, सराहें और इसे बढ़ावा दें।