सुकन्या विवाह योजना के एक लाख दिलाने के बहाने लोन कराकर 15 लाख हड़पे

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जसपुर (महानाद) : एक व्यक्ति ने एक दूसरे व्यक्ति पर उसे सुकन्या विवाह योजना के 1 लाख रुपये दिलाने के बहाने यस बैंक के मैनजर व अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके नाम पर 15 लाख रुपये का लोन लेकर हड़पने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले में 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

ग्राम रामनगर वन, जसपुर निवासी अवनीश कुमार पुत्र रामचन्द्र सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि विगत कुछ वर्ष पूर्व उसकी जान पहचान फ्रेण्ड सीड्स, ग्राम निवारमण्डी रोड में निपेन्द्र कुमार पुत्र भीम सिंह निवासी ग्राम अफजल टांडा, थाना ठाकुरद्वारा, जिला मुरादाबाद, उप्र से हुई थी। जान पहचाल के चलते निपेन्द्र कुमार ने अपने फायदे के लिए उसके पहले से बने हुए पीले राशन कार्ड (सामान्य) को सफेद कार्ड (गरीब वर्ग) में परिवर्तित करा कर अपना विश्वास उस पर और अधिक बढ़ा लिया।

अवनीश ने बताया कि इसी बीच उसने अपनी पुत्री का विवाह सम्पन्न किया तब निपेन्द्र कुमार ने उसको सुकन्या विवाह योजना के तहत सरकार द्वारा मिलने वाली धनराशि को दिलाये जाने हेतु प्रस्ताव रखा और उससे उसका फोटो, आधार कार्ड, पेन कार्ड व को-ऑपरेटिव बैंक की पासबुक, एकाउंट नम्बर आदि लेकर अपने परिचित व्यक्ति यस बैंक जसपुर शाखा के एम्पलाई राजीव कुमार पुत्र महेन्द्र सिंह निवासी ग्राम उधोवाला, अफजलगढ़, जिला बिजनौर से उसके सामने बात की। कुछ दिनों बाद निपेन्द्र कुमार ने उसे बताया कि गांरन्टी के तौर पर उसका नया खाता यस बैंक में खुलेगा, तभी सुकन्या विवाह योजना में एक लाख रुपये उसी खाते के माध्यम से उसे मिलेंगे, अन्यथा नहीं मिलेंगे।

अवनीश ने बताया कि इसके बाद निपेन्द्र कुमार व राजीव और राजीव के पिता महेन्द्र सिंह पुत्र निहाल सिंह अक्टूबर 2022 में उसके पास सीड्स प्लान्ट में आये जहाँ पर निपेन्द्र कुमार ने उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, फोटो, पुराने खाते की पासबुक आदि कागजात राजीव को दिए। राजीव ने अपने मोबाईल से यश बैंक के मैनेजर मंयक को फोन किया और उसकी बात बैंक मैनेजर से कराई। बैंक मैनेजर ने उससे उसका नाम पता, क्या काम करते हो, लड़की की शादी कब की, आदि स्वाल पूछे और कहा कि ठीक है, मैं राजीव से कह देता हूँ वो आपको सुकन्या खाता हमारे बैंक में खोल देगा, जिसके बाद राजीव ने बैंक मैनेजर से बात की और राजीव ने अपने मोबाईल से उसकी फोटो खींची तथा अंग्रेजी में लिखे फार्म पर कई जगह उसके हस्ताक्षर कराये।

अवनीश ने बताया कि फोन में सब कार्यवाही करने के बाद निपेन्द्र कुमार, राजीव और महेन्द्र सिंह ने कहा कि जल्दी ही तुम्हारे खाते में सुकन्या योजना के पैसै आ जायेंगे। 1 नवम्बर 2022 को पचास हजार रुपये व 2 नवम्बर 2022 को पचास हजार रुपये व 10 नवम्बर 2022 को पचास हजार रुपये कुल डेढ़ लाख रुपये उसके पुराने को-ऑपरेटिव बैंक, जसपुर के खाते में आ गये। उसने रुपये खाते में आने की जानकारी निपेन्द्र कुमार को दी। निपेन्द्र कुमार ने उसे बताया कि उसने उसके नाम का एक चैक पचास हजार रुपये का परमिन्दर के नाम से लिया है, जिसके 50 हजार रुपये उसके खाते में आये है, जो उसने अपने दोस्त परमिन्दर से उधार लिये हैं। जिस पर उसने निपेन्द्र कुमार के कहने पर अपने खाते से 50 हजार रुपये निकालकर निपेन्द्र को दे दिए।

अवनीश्र ने बताया कि अक्टूबर 2024 में उसके पूर्व पते के गाँव महेशपुर, थाना भगतपुर, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से प्रधान की कॉल आई, प्रधान ने उसे बताया कि तुम्हारे नाम पर किसी बैंक का लोन है, जिसके बारे में कुछ बैंक कर्मी यहाँ गाँव में आये थे। ये जानकारी मिलने पर वह यश बैंक जसपुर में गया और बैंक मैनेजर को बोलकर अपने यश बैंक खाते का पता किया तो जानकारी हुई कि निपेन्द्र कुमार, राजीव, महेन्द्र सिंह, तत्कालीन पूर्व बैंक मैनेजर व अन्य बैंक कर्मचारीगणों द्वारा 2022 में उसके यश बैंक में एक खाता खोला गया था। उक्त यश बैंक खाते का स्टेटमेन्ट प्राप्त किया तो पता चला की उसके नाम से यश बैंक मे खोले गये खाते में दिनांक 29.10.2022 को 10 लाख रुपये आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड से डाले गये और उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा उक्त रुपये उसके खाते से निकाल लिये गये।

अवनीश ने बताया कि उपरोक्त लोगो द्वारा उसके यश बैंक खाते में दिनांक 29.12.2022 को 5 लाख रुपये का लोन लेकर, लोन की रकम को भी निकाल लिया गया। उसके नाम के यश बैंक के खाते से पैसै निकालने के लिए राजीव के मोबाईल नम्बर का इस्तेमाल किया गया जो स्टेटमेन्ट में दिख रहा है। आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड की जानकारी करने पर पता चला की उपरोक्त लोगों द्वारा उसके नाम से आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड लेकर उसका नाम पता रिजर्व पुलिस फोर्स सीआरपीएफ, चाइबासा रोड, झारखंड लिखा गया है।

अवनीश ने बताया कि जब उसने इस मामले को लेकर निपेन्द्र कुमार से सम्पर्क किया तो पहले वह इधर उधर की बात करने लगा और उसे कोई सही रास्ता नहीं दिया, जिसके बाद उसने राजीव से सम्पर्क करना चाहा तो राजीव से सम्पर्क नहीं हुआ, जिसके बाद निपेन्द्र कुमार और राजीव के पिता महेन्द्र सिंह से इस मामले मे बात हुई तो दोनो्र ने कहा कि तू फिक्र मत कर, हम तेरे खाते का सारा लोन माफ करवा देंगे, तुझे चिन्ता करने की जरुरत नहीं है। उन लोगों के बीच समझौता हो जाने पर निपेन्द्र कुमार और महेन्द्र सिंह ने तहसील जसपुर में लिखित में मेरे साथ दिनांक 02.12.2024 को समझौते के 2 स्टाम्प किये। एक समझौता स्टाम्प पर निपेन्द्र सिंह व महेन्द्र सिंह ने लिखित मे दिया कि बैंक से लिया गया 5 लाख रुपये का लोन व 2 लाख लोन का ब्याज 31.03.2025 तक जमा कर देंगे। दूसरे स्टाम्प में निपेन्द्र सिंह व महेन्द्र सिंह ने लिखित मे दिया गया कि आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड से लिया गया 10 लाख रुपये का लोन व 6 लाख लोन का ब्याज 31.03.2025 तक जमा कर देंगे।

अवनीश ने बताया कि समझौते का समय बीत जाने के बाद उसने उक्त लोगों से तकादा किया तो निपेन्द्र कुमार ने उसे अपने यश बैंक के 2 चैक 2-2 लाख रुपये के दिए, जिन्हें उसने अपने नैनीताल बैंक के खाते में लगाकर उक्त 4 लाख रुपये प्राप्त कर लिये। इसके बाद उसने निपेन्द्र कुमार से बाकी के लोन व ब्याज के पैसों के लिए तकादा किया तो कहने लगा कि बाकी पैसै राजीव और उसका बाप महेन्द्र सिंह देगा। राजीव और महेन्द्र सिंह से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो सम्पर्क नहीं हुआ।

अवनीश ने कहा कि अब उसे यह विश्वास हो गया है कि उक्त सभी लोग मेरे यश बैंक खाते मे लिये गये लोन व ब्याज का पैसा जमा नहीं करेंगे। निपेन्द्र कुमार ने साफ इन्कार कर दिया है। वह बहुत गरीब आदमी है, ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। उसके विश्वाश का फायदा उठाकर निपेन्द्र कुमार, महेन्द्र सिंह व बैंक एम्पलॉई राजीव, बैंक मैनेजर मंयक व अन्य बैंक कर्मचारीगणों ने उसके साथ धोखाधड़ी करते हुए उसका खाता यश बैंक में खोलकर उसमें 5 लाख रुपये का लोन लेकर हड़प कर लिया और इनके द्वारा उसके नाम से आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड लेकर उसमें 10 लाख रुपये का लोन लेकर हड़प लिया है। अब 15 लाख लोन की ब्याज सहित 24-25 लाख रुपये की देनदारी उसके सिर पर रख दी है। उसने उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

अवनीश कुमार की तहरीर के आधार पर पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 316(2), 316(5), 318(4), 336(3), 338, 340(2), 61(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई गोविन्द सिंह मेहता के सुपुर्द की है।

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