अभिनव अग्रवाल
हरिद्वार (महानाद) : पुलिस ने कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल के नेतृत्व में ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए अभय शर्मा उर्फ हनी के एक हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसका दूसरा साथी अभी फरार चल रहा है। मृतक हनी लड़की सप्लाई करने का काम करता था वहीं उसके दोनों हत्यारोपी टैक्सी टैक्सी ड्राइवर हैं।
मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि थाना श्यामपुर क्षेत्र में रवासन नदी के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था, जिसकी हत्या की आशंका जताई जा रही थी। जिस पर उन्होंने थाना श्यामपुर पुलिस और सीआईयू हरिद्वार की संयुक्त टीमें गठित कर प्रकरण के खुलासे के निर्देश दिए। वहीं मामले के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सीओ सिटी जूही मनराल के सुपुर्द कर समय-समय पर एसपी सिटी पंकज गैरोला से मामले की जानकारी ली गई।
गठित की गई पुलिस की टीमों ने आसपास मजदूरों की मौजूदगी और मौके की स्थिति के कारण लेबर के एंगल पर काम करते हुए आसपास रह रहे लगभग 1,000 ठेकेदारों व लेबरों का एक-एक का भौतिक सत्यापन किया। जिसके लिए पुलिस टीम ने दिन रात मेहनत की और मजदूरों की ओर से बताई गई एक-एक बात को व्यक्तिगत रूप से वेरीफाई किया। साथ ही साथ छोटी-छोटी कई टीमें बनाकर गैर प्रांत उत्तर प्रदेश के बिजनौर, बलिया, नजीबाबाद, बरेली तक के थानों में जाकर भौतिक रूप से मृतक की शिनाख्त के प्रयास किए गए।
उन्होंने बताया कि मौके से उठाए गए डंप डाटा से प्राप्त लगभग 10,000 से अधिक मोबाइल नंबरों में सभी को एक-एक कर फिल्टर करते हुए भौतिक रूप से या फोन के माध्यम से जानकारी की गई यहां तक कि बताई गई विभिन्न बातों का भी क्रॉस वेरिफिकेशन किया गया यह भी पता किया गया कि इस दौरान कहीं कोई गुमशुदगी तो नहीं है। इस पूरे काम में थका देने वाली दिन रात की मेहनत हुई लेकिन फिर भी मृतक के शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। घटनास्थल जंगल का होने के कारण और आसपास लेबर के अलावा अन्य कोई भी आबादी न होने के कारण भी कहीं कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
उन्होंने बताया कि मामले में दिलचस्प मोड तब आया जब घटनास्थल से कुछ दूरी पर स्थित रवासन के कांटे के एक कैमरे के फोकस का छोटा सा एंगल मुख्य हाईवे को कवर करता मिला। देर रात पेड़ों पर पड़ती मद्धिम रोशनी की किरणों के आवाजाही का मैप तैयार कर टीम ने संभावित गाड़ियों का चंडी चौक तक लगभग 20 किमी तक पीछा किया गया। इस दौरान सिटी के लगभग 500 से भी ज्यादा कैमरों का गहराई से अवलोकन किया गया तब संभावित संदिग्ध मोटरसाइकिलों की गतिविधियों को देख मुखबिर तंत्र तथा टेक्निकल मदद से दोनों को कोतवाली नगर क्षेत्र में स्थित एक होटल तक जाते हुए चिन्हित किया गया। हरिद्वार पुलिस के लिए यह एक बहुत छोटी सी आशा की किरण थी जिसको पुलिस की कई टीमों ने मिलकर डेवलप किया।
उन्होंने बताया कि इन सभी प्रयासों के पश्चात आखिरकार मृतक की पहचान अभय शर्मा उर्फ हनी निवासी पश्चिमी दिल्ली के रुप में हुई। अधिक जानकारी के लिए दिल्ली का रुख करने पर पुलिस टीम को जानकारी मिली कि मृतक अय्याश किस्म का मौजी व्यक्ति था और हाल फिलहाल फ्लैट बिकने से काफी पैसों का मालिक भी हो गया था। अय्याश हरकतों के चलते मृतक का अपनी माता या घर वालों से कोई संबंध नहीं रखता था। फिजिकली जानकारी इकट्ठा करने पर ये तथ्य सामने आए कि मृतक अपने परिवार से अलग रह कर अय्याश जिंदगी जी रहा था। जो सट्टा लगाने के साथ-साथ दिल्ली क्षेत्र में लड़की सप्लाई करने का काम भी करता था।
मृतक हनी पिछले कुछ महीनों से आरोपी नीरज शुक्ला और नागेंद्र (दोनों पेशे से ड्राइवर हैं) से खास दोस्ताना रखता था और तीनों अय्याश होने के चलते लड़की बाजी तथा सट्टाबाजी का भी शौक रखते थे। मृतक का तांत्रिक विद्या पर विश्वास होने पर वह सट्टे में मोटी रकम जीतने के लालच में कई बार तांत्रिक के पास जा चुका था। मृतक पर अय्याशी व सट्टे के कारण इधर-उधर से लाखों का कर्जा होने पर उसने नीरज शुक्ला के माध्यम से भी लोगों से लाखों का उधार ले रखा था। मृतक नीरज से उधार लिए पैसे न लौटाने पर कर्जदार लगातार नीरज के पास आकर पैसे वापस मांग रहे थे।
इसी बीच मृतक ने अपना दिल्ली स्थित फ्लैट लगभग 30 लाख रुपये में बेच दिया। अपने अय्याश रवैए व सट्टे की लत के चलते मृतक ने फ्लैट बेच कर मिली रकम का काफी कुछ पैसा अय्याशी में उड़ा दिया था। मृतक द्वारा ऐसे ही पैसे उड़ाने पर नीरज बार-बार मृतक को रोकता था और अपने एवं जिनसे उधार लिया था उनके पैसे वापस करने को बोलता था लेकिन बार-बार मांगने पर भी पैसे ना देने पर नीरज शुक्ला को लग गया था कि उसके लाखों रुपए अब डूबने वाले हैं। इस पर नीरज ने अपने साथ नागेंद्र को लिया और दोनों ने एक प्लानिंग के तहत मृतक हनी के साथ दिन-रात उठना बैठना, साथ में शराब पीना करते हुए चुपके से मृतक के मोबाइल नंबर के पासवर्ड, एटीएम का पासवर्ड, बैंक का अकाउंट नंबर इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र कर ली। खुद की उधारी वापस न मिलने और मृतक के खाते में बची लाखों की धनराशि को हड़पने के लिए आरोपियों ने मृतक को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया।
थाना श्यामपुर पुलिस टीम ने आरोपी नीरज निवासी विकासपुरी दिल्ली को नहर पटरी, सोनाली पुल के पास से दबोचकर उसके कब्जे से मृतक के खाते से निकाले गए 10,4000 रुपए बरामद किए और मृतक के खाते में मौजूद लगभग 8,00,000 रुपए को फ्रीज करवाया। नागेंद्र निवासी भुवापुर, थाना तिगांव, जिला फरीदाबाद फरार चल रहा है।
पुलिस टीम में सीओ जूही मनराल, थानाध्यक्ष श्यामपुर नितेश शर्मा, एसआई विक्रम बिष्ट, गगन मैठाणी, मनोज रावत, अजय कृष्णा, अंजना चौहान एएसआई इरशाद मालिक, रणजीत चौहान, एससीपी मनमोहन सिंह, एचसी बृजमोहन, शेर सिंह, कांस्टेबल राजेंद्र नेगी, श्वेता, राहुल देव, रमेश, सुशील, कृष्ण भारद्वाज, सौरभ रावत, सीआईयू हरिद्वार इंस्पेक्टर दिगपाल कोहली, कांस्टेबल वसीम (एसओजी), विवेक यादव शामिल थेे।
हत्या का खुलासा करने वाली टीम को आईजी गढ़वाल ने 15 हजार और पुलिस कप्तान ने 5 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है।