विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : काशीपुर के मेयर काशीपुर की जनता के लिए जिम्मेदार हैं या भाजपा के पूर्व विधायक के जिनके नाम काशीपुर के विकास को लेकर कोई खास उपलब्धि नहीं है या भाजपा के उन नेताओं के प्रति जिम्मेदार हैं जो उनके साथ मेयर का टिकट की लाइन में खड़े थे और जब टिकट लेने में कामयाब नहीं हो पाये और चुनावों के दौरान रूठे-रूठे रहे।
आपको बता दें कि काशीपुर के 4 बार के विधायक रहे पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कल एक प्रेस वार्ता आयोजित कर काशीपुर के विकास पुरुष के रूप में उभर रहे मेयर दीपक बाली की विकास की कार्यशैली पर आवाज उठाई। उनका साथ देने को भाजपा के प्रदेश महामंत्री खिलेन्द्र चौधरी, पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा तथा भाजपा के प्रदेश मंत्री गुरविंदर सिंह चंडोक प्रेस वार्ता में मौजूद थे।
प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि मेयर दीपक बाली नगर में जो भी विकास कार्य कर रहे हैं वह बिना पार्टी के पदाधिकारियों की राय को लेकर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहर के चौराहों के नामकरण करने को लेकर उन्होंने अपने आप फैसला ले लिया। उन्हें किसी जनता ने उनसे इन चौराहों के नामकरण करने को नहीं कहा है। वे विधायक की राय न लेकर अपनी मनमानी से कार्य कर रहे हैं।

(यहां आपको बता दें कि अभी तक नगर निगम के जितने भी कार्यक्रम हुए हैं, उन ज्यादातर कार्यक्रमों में विधायक त्रिलोक सिंह चीमा मौजूद रहे हैं। और विधायक की राय न लेने का आरोप विधायक न लगाकर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा लगा रहे हैं। जबकि आज संवैधानिक पद पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा विद्यमान हैं, इसलिए यदि वे खुद अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते तो अच्छा लगता, वहीं उन्हें भी प्रेस वार्ता कर यह बताना चाहिए कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र में जो भी विकास कार्य कर रहे हैं उसमें वे मेयर की पूर्ण रूप से राय लेकर करते हैं और मेयर उनकी उपेक्षा कर रहे हैं, लेकिन विधायक त्रिलोक सिंह चीमा का अभी तक कोई वक्तव्य इस मामले में नहीं आया है।)
वहीं, भाजपा के प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी और प्रदेश मंत्री गुरविंदर सिंह चंडोक जो प्रेस वार्ता कर मेयर पर आरोप लगाने में लगे हैं, यदि वे भी पार्टी फोरम में अपने मुद्दे को उठाते तो ज्यादा अच्छा होता, क्योंकि जनता ने मेयर दीपक बाली को मेयर चुना है और निगम क्षेत्र में किसी भी कार्य के लिए अब वे ही जिम्मेदार हैं, और वे अपना कार्य करने में लगे हैं और जनता में वाहावाही बटोर रहे हैं। उधर, भाजपना के वरिष्ठ नेता राम मेहरोत्रा तो चुनाव के समय से ही रूठे-रूठे नजर आते हैं क्योंकि इस बार वे भी मेयर टिकट के प्रबल दावेदार थे।
उधर, आपको बता दें कि मेयर दीपक बाली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी माने जाते हैं और जब से दीपक बाली काशीपुर के मेयर बने हैं तब से वे कइ्र बार काशीपुर आ चुके हैं और काशीपुर को हजारों करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात दे चुके हैं। विगत 20 सालों से भाजपा के जनप्रतिनिधि होने का दावा करने वाले ये नेता जो यह भी कह रहे हैं कि पूर्ववर्ती मेयर उनकी राय लेते थे, जनहित में 2 प्रतिशत दाखिल खारिज शुल्क को खत्म न करवा पाये थे, जबकि दीपक बाली ने मेयर बनते ही सबसे पहला काम इस शुल्क को खारिज करने का किया और इस खत्म करने का अनुमोदन कर शासन को भेज दिया।
बाजपुर रोड पर रेल ओवर ब्रिज बनवाने का श्रेय पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कई बार लिया, लेकिन बीरबल की खिचड़ी की तरह लगभग 7 वर्षों में बनकर तैयार हुए ब्रिज पर जब भारी वाहन चले तो उसका हिस्सा टूटकर गिर गया और फिर कहा गया कि यह ब्रिज भारी वाहनों के लिए नहीं बनाया गया है। जिसके बाद इस पर हाइट बैरियर लगाकर उस पर भारी वाहनों के प्रवेश को निषेध कर दिया गया। जिस पर अब भारी वाहन खासकर खनन से भरे डम्पर सुबह-शाम सर्विस रोड से निकलने शुरु हो गये हैं, जिससे उसके आस पास के दुकानदारों को अपनी दुकानों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक काशीपुर के लोगों को समस्या का निदान देने में असफल रहे। अब यदि हाइट बैरियर हटाकर वाहनों को उस पर चलवाते हैं तो उसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है और वाहन साइड से निकालें तो दुकानों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडरा रहा है। यदि ये ओवरब्रिज भी पार्टी की राय लेकर बनाया गया तो ऐसी राय का क्या फायदा जो इसे बनने में 7 साल लगे और वाहनों को सहने की 100 प्रतिशत क्षमता है नहीं।
वहीं, आपको बता दें कि दीपक बाली को मेयर बने अभी मात्र 120 दिन हुए हैं और सड़कों का जाल बिछ रहा है और सफाई के क्षेत्र में कार्य शुरु हो चुका है। महज 120 दिन के कार्यकाल में 500 से अधिक सड़कों का नवनिर्माण हो रहा है। सड़कों से लेकर गलियों तक, हर जगह स्वच्छता अभियान की झलक देखने को मिल रही है।
काशीपुर के विकास को गति देने वाली कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं मेयर दीपक बाली के प्रयासों से साकार हुई हैं। एआरटीओ कार्यालय का उद्घाटन उनमें से एक है, जिससे नागरिकों को अब परिवहन संबंधी कार्यों के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। इसके अलावा द्रोणासागर तीर्थ के सौंदर्यीकरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे यह ऐतिहासिक स्थल अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर रहा है। कार्बेट होटल से पहली बार गूल का अतिक्रमण हटा है। आज नगर का हर छोटा बड़ा अधिकारी किसी नेता की सुन रहा है और नगर विकास दौड़ में अग्रसर हो रहा है।
जनता में चर्चा है कि नगर को वर्षों बाद एनडी तिवारी और सत्येंद्र चंद्र गुड़िया की जोड़ी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और मेयर दीपक बाली के रूप में मिली है, जिस कारण जनता को काशीपुर के विकास की उम्मीद जगी है। शायद दीपक बाली की लोकप्रियता से घबराये नेता अपनी अहमियत दिखाने के लिए एकजुट हो गये हैं।