ऋषिकेश (महानाद) : पुलिस ने व्यपारी हत्याकांड का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ब्याज पर लिये पैसे न लौटाने पड़े इसलिए व्यापारी की हत्या कर ऋषिकेश क्षेत्र से लाश को कार में डालकर बिजनौर के मंडावर क्षेत्र के जंगल में ले जाकर जला दिया था और मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
रविावार को व्यापारी हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसएसपी डाॅ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि विगत 15 जनवरी को रूपेश गुप्ता निवासी मायाकुंड, ऋषिकेश ने अपने पिता राजकुमार गुप्ता की गुमशुगदी दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके पिता रोज की तरह अपने स्कूटर से दोपहर एक बजे निकले और फिर वापस नहीं लौटे। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर निरीक्षक रितेश साह के नेतृत्व में जांत्र-पड़ताल शुरू की। मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया। 55 सीसीटीवी फुटेज तलाशे गए और कई संदिग्धों से पूछताछ की गई।
इसी बीच एक सीसीटीवी फुटेज में राजकुमार गुप्ता को उनके एक परिचित सुरेश चौधरी के साथ देखा गया। पूछताछ में लापता व्यापारी के परिजनों ने बताया कि सुरेश चैधरी उनका पारिवारिक मित्र है। जिसके बाद पुलिस ने शनिवार को सुरेश चैधरी निवासी बापू ग्राम, ऋषिकेश को उसके घर से हरिासत में ले लिया। उसके साथ दो अन्य व्यक्ति इंद्रपाल सिंह उर्फ पप्पू निवासी गुरदासपुर, थाना स्योहारा जिला बिजनौर तथा राजकुमार निवासी चक्कर चैराहा, बिजनौर शहर भी गिरफ्तार किए गये। सख्ती से पूछताछ करने पर सुरेश चैधरी ने बताया कि उसने राजकुमार गुप्ता से दो साल पहले अपनी बेटी की शादी के लिए छह लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। तब से वह लगातार गुप्ता को ब्याज दे रहा था। इसके बाद भी रकम घट नहीं रही थी। वहीं, विगत 2 जनवरी को उसने राजकुमार गुप्ता को अपने घर पर अपनी पत्नी के साथ देखा तो उसने गुप्ता की हत्या करने की ठान ली। जिसके बाद उसने उसने 15 जनवरी को राजकुमार गुप्ता को बापूग्राम की तरफ बुलाया और कहा कि पैसों का इंतजाम हो गया है साथ ही उसे लड़की भी मिल जाएगी। यह सुनते ही गुप्ता उनके साथ चला गया। इसके बाद सोमेश्वर नगर होते हुए स्मृति वन के अंदर जंगल में ले गया। वहां पर पहले से ही सुरेश के दोनों साथी मौजूद थे। यहां तीनों ने मिलकर राजकुमार की हत्या कर दी।
इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए अपनी कार में रख लिया। रास्ते में चेकिंग ज्यादा थी तो शव को कहीं नहीं फेंक सके। चेकपोस्ट से बचकर जंगल के रास्ते कार लेकर बिजनौर के मंडावर थाना क्षेत्र में पहुंचे। वहां रजवाहे किनारे आग लगाकर छोड़ दिया। जोकि अधजला शव अगली सुबह बिजनौर पुलिस ने बरामद कर लिया। सुरेश ने बताया कि उसने अपने दोनों साथियों को एक-एक लाख रुपये का लालच दिया और अपने साथ हत्या में शामिल कर लिया।
आरोपियों से पूछताछ के बाद ऋषिकेश पुलिस ने मंडावर पुलिस से संपर्क किया। पता लगा कि इनामपुरा रजवाहे के पास एक अज्ञात शव 16 जनवरी को बरामद हुआ था। शव को शिनाख्त के लिए मोर्चरी में रखा गया, लेकिन 72 घंटे तक पहचान नहीं हो पाने के कारण 19 जनवरी को उसका दाह संस्कार लावारिस के तौर पर कर दिया गया था।