देहरादून (महानाद) : एक प्राइवेट अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसके परिजन उसके शव को अस्पताल में ही छोड़कर अपने गांव चले गए। और उन्होंने अपने मोबाइल भी बंद कर दिए जिससे उनसे कोई संपर्क न कर सके। नेहरू काॅलोनी थाना पुलिस ने गांव के प्रधान के माध्यम से परिजनों से बात की तो उन्होंने देहरादून आने से साफ मना कर दिया। जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने मृतक का अंतिम संस्कार किया।
बता दें कि सोमवार को नेहरूकालोनी पुलिस को एक प्राइवेट अस्पताल ने सूचना दी एक व्यक्ति की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है और उसके परिजन उसका शव अस्पताल में ही छोड़कर भाग गये हैं। सूचना मिलने पर बाईपास चैकी इंचार्ज मानवेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ अस्पताल पहुंचे। जहां अस्पतला स्टाफ ने उन्हें बताया कि मृतक का नाम रघुवीर सिंह रावत है। वह भागीरथीपुरम, टिहरी गढ़वाल के रहने वाले थे। उन्हें 6 मई को उनकी भाभी कांता देवी और भतीजे राज रावत ने अस्पताल में भर्ती करवाया था। उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इलाज के दौरान रविवार को रघुवीर की मौत हो गई। जब इसकी सूचना रघुवीर की भाभी और भतीजे को दी तो वे यह कहकर शव को अस्पताल में छोड़कर चले गए कि एक-दो घंटे में आते हैं।
इसके बाद मृतक परिजन अस्पताल लौट कर नहीं आये। जब उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की तो वह स्विच आॅफ आया। पुलिस ने भी काफी कोशिश की, लेकिन मोबाइल नंबर स्विच ऑफ थे। ऐसे में पुलिस ने मृतक के गांव के प्रधान से संपर्क किया। प्रधान ने मृतक की भाभी से बात की, लेकिन उन्होंने अंतिम संस्कार करने के लिए देहरादून आने से साफ इन्कार कर दिया। जिसके बाद ग्राम प्रधान और मृतक के परिजनों ने वाट्सएप पर प्रार्थना पत्र भेजकर पुलिस से अंतिम संस्कार करने की गुहार लगाई।
जिस पर एसआई मानवेंद्र सिंह ने खुद पीपीई किट पहनकर रघुवीर के शव को एंबुलेंस से रायपुर स्थित कोविड श्मशान घाट लेकर गए और वहां पर उसका अंतिम संस्कार किया।