मुंबई (महानाद) : बाॅम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत कौर राणा केे जाति प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने राणा के खिलाफ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर बताया था कि उनका जाति प्रमाणपत्र फर्जी है।
उधर, सांसद नवनीत कौर राणा ने कहा कि मैं इस देश के नागरिक के रूप में अदालत के आदेश का सम्मान करती हूं। मैं हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी।
बता दें कि अमरावती लोकसभा सीट आरक्षित थी, जहां से राणा ने चुनाव लड़कर वे सांसद चुनी गई थीं। जिसके बाद शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि नवनीत राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाया है। राणा मूल रूप से पंजाब की निवासी हैं और लबाना जाति से ताल्लुक रखती है, जो महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आती है। जिस पर आज फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने आज उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया। और उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने राणा को निर्देश दिया है कि वे छह हफ्ते के भीतर अपने सभी सर्टिफिकेट कोर्ट में जमा करायें। कोर्ट के इस फैसले के बाद सांसद राणा की सदस्यता पर भी खतरा मंडराने लगा है। यदि सुप्रीम कोर्ट में भी उनका जाति प्रमाणापत्र फर्जी पाया जाता है तो उन्हें अपनी लोकसभा सीट से इस्तीफा देना होगा।
विदित हो कि नवनीत कौर राणा ने 2014 में राजनीति में प्रवेश किया था और एनसीपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गई थीं। इसके बा उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा और जीत हासिल की। नवनीत राणा के पति रवि राणा महाराष्ट्र में विधायक हैं।