देहरादून (महानाद) : उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक ‘मिथक’ को तोड़ने का फैसला करते हुए देरादून के न्यू कैंट रोड पर बने मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास में प्रवेश कर गये।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मुख्यमंत्री निवास को पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा कोविड केयर सेंटर बनाने के आदेश को पलटते हुए अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री आवास में बने कैंप कार्यालय में पूजा अर्चना कर निवास के मुख्य हॉल में जनता मिलन कार्यक्रम आयोजित कर जनता की समस्याओं को सुनकर उनके समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिये।
बता दें कि न्यू कैंट रोड पर 10 एकड़ में बने शानदार बंगले को लेकर मिथक है कि यह मनहूस है। जिस मुख्यमंत्री ने भी इसमें प्रवेश किया वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। बता दें कि सबसे पहले रमेश पोखरियाल निशंक इस आवास में रहने आये थे जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा इसमें रहने आये लेकिन उन्हें भी अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। जिसके बाद मुख्यमंत्री बने हरीश रावत ने इस बंगले का रुख नहीं किया। इसके बाद बनी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत इस आवास में शिफ्ट हुए लेकिन वे भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये।
वहीं तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बनने के बाद इस बंगले में नहीं गये लेकिन फिर भी उन्हें अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी। अब एक बार फिर से भाजपा के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बंगले में शिफ्ट हुए हैं। अब देखते हैं कि यह बंगला उनके लिए मनहूस साबित होगा या वरदान।
विदित हो कि 2010 में ब 10 एकड़ जमीन पर बनाये गये इस बंगले को ‘पहाड़ी’ शैली में डिजाइन किया गया है। बंगले में 60 कमरे, एक बैडमिंटन कोर्ट, स्विमिंग पूल, कई लॉन और मुख्यमंत्री एवं उनके स्टाफ के लिए अलग-अलग कार्यालय मौजूद हैं।
आपको बता दें कि उ.प्र. के नोएडा के बारे में भी ऐसी ही धारणा थी कि जो मुख्यमंत्री नोएडा गया उसकी कुर्सी चली गई। जिसके बाद मायावती, राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव ने नोएडा जाने की हिम्मत नहीं दिखाई लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा जाकर यह संदेश दिया था कि ‘मनहूसियत’ जैसी कोई चीज नहीं होती।