लखनऊ/रामपुर (महानाद) : सपा नेता एवं सासंद आजम खां को जमानत मिल गई है। हालांकि वे अभी जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे।
जी हां, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्यता फैलाने के आरोप के एक मामले में सांसद एवं सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां को जमानत दे दी है।
बता दें कि सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रामपुर से सांसद आजम खां लगभग 2 वर्ष से सीतापुर की जेल में बंद हैं। न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने आजम खां की जमानत अर्जी पर आदेश जारी करते हुए उनकी जमानत मंजमर कर ली। मामले में आजम खां के खिलाफ वर्गों के बीच वैमनस्यता फैलाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल हुई है।
आजम खां के वकील ने अदालत से कहा कि आजम खां काफी समय से जेल में बंद हैं तथा उनके विरुद्ध लगाये गये आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है। उक्त मामला राजनीति से प्रेरित है। वहीं, जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने दलील दी कि आजम खां के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज कोतवाली में 1 फरवरी 2019 को दर्ज कराई गई थी। जिसमें कहा गया कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है। लेकिन तत्कालीन सरकार के प्रभाव के चलते रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही थी। आरोप था कि आजम खां भाजपा के साथ ही साथ आरएसएस एवं अन्य को बदनाम कर उनकी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे थे।
हालांकि इस केस में जमानत मिलने के बाद भी आजम खां अभी भी जेल में रहेंगे क्योंकि उनके खिलाफ दो अन्य मामलों में अभी फैसला सुरक्षित है।