काशीपुर : कोर्ट के आदेश पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर चार लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

टांडा उज्जैन रेलवे क्रासिंग के पास निवासी बलवीर सिंह पुत्र रामपाल सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वह 2004 से अपने परिवार के साथ उक्त पते पर बने मकान में निवास कर रहा है। उसके मकान के पूरब दिशा की और एक पक्का रास्ता है जो नगर निगम द्वारा सीमेन्ट टाईल्स से बना है। उसके मकान का पानी विगत 18 वर्षाे से एक दरवाजा है जिससे प्रार्थी का आना जाना है। वर्तमान में दरवाजा टूट-फूट व गल गया है। जिस कारण उसने अपने परिवार की सुरक्षा को देखते हुए टूटे हुये दरवाजे की जगह लोहे का दरवाजा लगा दिया।

बलवीर सिंह ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले चन्द्रमान पुत्र गंगाराम, उसकी पत्नी उषा, सोमपाल व उसकी पत्नी तारावती आए दिन गाली गलौज कर व जाति सूचक शब्दोे का प्रयोग कर कहते हैे कि तुम्हेे इस मकान में रहना है तो तुम्हें अपने मकान का पानी इस रास्ते में नहीं निकलने देंगे। मकान व दरवाजे को लेकर उक्त लोग कई बार मारपीट पर भी उतारू हो गए हैं। जिसकी सूचना पूर्व में 18 मार्च 2020 को टांडा उज्जैन चौकी में दी गई थी लेकिन यह लोग फिर भी नहीं माने।

बलवीर ने बताया कि विगत 26 अप्रैल 2020 को रात्रि करीब 8 बजे वह अपने परिवार के साथ अपने घर में था। तभी चन्द्रमान व उसकी पत्नी उषा तथा सोमपाल व उसकी पत्नी तारावती व एक अन्य व्यक्ति गालियां देते हुए उसके घर में घुस आये। गाली देने से मना किया तो उक्त सभी लोगों ने जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि हमने तुम्हें बहुत समझाया, दरवाजा बंद कर लो और इस रास्ते की तरफ पानी मत निकालो लेकिन तुम लोग नहीं माने। इसके बाद सभी आरोपियों ने उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। घटना की सूचना देने वह पुलिस चौकी टांडा उज्जैन गया परन्तु पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद रजिस्टर्ड डाक से 27 अप्रैल 2020 को उसने कोतवाली पुलिस व मुख्यमंत्री समाधान प्रोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। 29 अप्रैल 2020 को पुलिस क्षेत्राधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से घटना की सूचना दी। किन्तु पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।

कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 323/504/506/452 आईपीसी तथा एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।