कोटा (महानाद) : लाडपुरा में डेढ़ साल के मासूम अबीर की हत्या का खुलासा करते हुए उसकी चाची सोबिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस के मुताबिक सोबिया अपने जेठ की नौकरी और जेठानी के बुरे बर्ताव को लेकर परेशान रहती थी। उसे महसूस होता था कि परिवार में उसकी और उसके दो बच्चों की कोई कद्र नहीं है। इसी कारण उसने अबीर को मारने का प्लान बनाया।
पुलिस ने बताया कि अबीर की हत्या का शक उस पर न हो इसलिए उसने अपने परिवार के 11-13 साल के तीन नाबालिग बच्चों को अपने प्लान में शामिल किया और उनसे अबीर की हत्या करवा दी। हत्या वाले दिन सोबिया दूसरी बिल्डिंग पर खड़ी होकरबच्चों को इशारों से बता रही थी कि अबीर को कैसे टंकी में डालकर मारना है।
बता दें कि अबीर के हत्यारे को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। पुलिस का शक परिवार के किसी सदस्य पर ही था, इसलिए पुलिस ने सादी वर्दी में घर की रेकी करना शुरू की। पहला शक तीन नाबालिग बच्चों पर गया। जब उनसे पूछताछ की तो उन्होंने सारा राज उगल दिया।
एडिशनल एसपी प्रवीण जैन ने बताया कि 9 भाइयों के भरे पूरे परिवार में हत्यारोपी की पहचान कर पाना मुश्किल लग रहा था। घटना के वक्त कोई भी पुरुष घर पर नहीं था। इतने बड़े परिवार में किसी बाहरी व्यक्ति का आकर हत्या जैसाी वारदात को अंजाम देना समझ से परे था। रेकी के दौरान पता चला कि परिवार के तीन नाबालिग बच्चे बार-बार सामने वाले मकान में जाकर सोबिया से बातचीत करते थे। सोबिया उन बच्चों से परिवार में चल रही बातचीत के बारे में पूछती थी। सोबिया की इन हरकतों की वजह से पुलिस को उसे पर शक हुआ। जब पुलिस ने इस बारे में नाबालिगों से बार-बार सोबिया के पास जाने का कारण पूछा तो उन्होंने सारी कहानी बता दी।
25 अप्रैल को अबीर की मां अंजुम सामने वाले बड़े मकान में खाना बना रही थी। अबीर मकान में खेल रहा था। घर में कोई पुरुष नहीं था। उसी दौरान तीन बच्चों में से एक बच्चा अबीर को लेकर दूसरी मंजिल पर गया। फिर दो और बच्चे भी ऊपर पहुंच गये और उन्होंने छत पर जाकर 500 लीटर की पानी की टंकी का ढक्कन खोल कर डेढ़ साल के अबीर को टंकी में डाल दिया। अबीर को पानी की टंकी में डालने के बाद बच्चे एकाएक घबरा गए और उन्होंनेे अबीर को टंकी से बाहर निकाल लिया, लेकिन सामने वाली छत पर खड़ी सोबिया ने उन्हें इशारों में धमकाया। जिससे बच्चे डर गए और उन्होंने अबीर को फिर से पानी की टंकी में डाल दिया। इसके बाद बच्चे नीचे आ गए।
इसके बाद सोबिया ने सामने वाले मकान से बड़े मकान में आकर टंकी का ढक्कन चेक किया। वह पूरी तरह से नहीं लगा था। जिस पर सोबिया टंकी का ढक्कन ढंग से लगाकर चली गई। इस बीच जब मां अंजुम को अबीर नजर नहीं आया तो उसने परिवार की महिलाओं के साथ उसे तलाशना शुरू किया। छत की दो टंकियों में चेक किया। तो शाम को साढ़े सात बजे के आसपास पानी की टंकी में उसका शव मिल गया।
पूछताछ करने पर सोबिया ने बताया कि उसके जेठ इमरान की उसके ससुर की जगह नगर निगम में अनुकंपा नौकरी लगी थी। सभी भाइयों ने इमरान के लिए नौकरी की सहमति दी थी, लेकिन इमरान का सबसे छोटा भाई जीशान, खुद यह नौकरी करना चाहता था। उस समय सभी परिजनों ने इमरान को नौकरी लगाने के लिए जीशान को राजी कर लिया था। यह कहा था कि इमरान भविष्य में जीशान की आर्थिक मदद कर देगा। इमरान ने नौकरी लगने के बाद जीशान की कोई आर्थिक मदद नहीं की। इस वजह से जीशान की पत्नी सोबिया, इमरान के लिए कहती थी कि वह मेरे पति की नौकरी हजम कर गया। सोबिया मन ही मन में इमरान और उसके परिवार से रंजिश रखने लगी। वारदात से कुछ दिनों पहले उसने इमरान के बच्चे अबीर के चेहरे पर नोंच दिया था।