गांधीनगर (महानाद): सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 50 साल से ऊपर के 5 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया। इन सभी अधिकारियों को 6 अगस्त की दोपहर को बता दिया गया था कि आज उनका आखिरी दिन है और उन्हें शाम 6 बजे रिटायर कर दिया जाएगा।
राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर बताया है कि जनहित में डिप्टी कलेक्टर कैडर के गुजरात प्रशासनिक सेवा (जूनियर स्केल) के 5 अधिकारियों को 6 अगस्त की दोपहर को तत्काल प्रभाव से समय से पहले रिटायर कर दिया गया है। उन्हें बराबर राशि का भुगतान किया जाएगा। तीन महीने की अवधि के लिए वेतन और भत्तों की राशि उसी दर से की जाएगी।
बता दें कि कच्छ के गुडखर अभयारण्य के डिप्टी कलेक्टर आरबी पाखावाला के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। विभाग ने 8 अप्रैल को चार्जशीट दायर कर दी है। समयपूर्व सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी।
सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (कार्मिक) एके राकेश ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कोई सामान्य कदम नहीं है। सरकारी कर्मचारियों की समीक्षा 50-55 वर्ष की आयु में की जाती है और जल्दी रिटायरमेंट के कारणों में स्वास्थ्य और प्रदर्शन शामिल हो सकते हैं। इस मामले में जबरन रिटायर किये गये सभी अधिकारी 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके थे और जारी रखने के लिए उपयुक्त नहीं पाए गए थे। उन्हें 3 माह का अग्रिम वेतन दिया गया है।
कॉरपोरेट जगत की तरह लिया फैसला
सरकार का यह फैसला कॉर्पाेरेट जगत के समान है, जहां कैंडीडेट को प्रदर्शन के आधार पर रिटायर किया जाता है। सरकार का उद्देश्य प्रदर्शन को सर्वाेच्च प्राथमिकता देना है। सरकार यह स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वालों को बाहर के दरवाजे दिखाए जा सकते हैं।
उक्त मामले में सरकार ने गुजरात सिविल सेवा पेंशन नियम 2002 के नियम -10 (4) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किया है। उक्त नियमके अनुसार, किसी कर्मचारी के प्रदर्शन की समीक्षा 50-55 वर्ष की आयु में की जा सकती है। यदि अधिकारी/कर्मचारी अपनी सर्विस आगे जारी रखने के लिए अयोग्य पाया जाता है, तो उसे समय से पहले रिटायर किया जा सकता है।