इस प्रतियोगिता में बात कर मिलेगा पीएम मोदी से बात करने का मौका, जानें पूरी डिटेल्स…

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Uttarakhand News: अगर आप पीएम मोदी से बात करना चाहते है तो आपके लिए काम की खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तराखंड के छात्र, पेरेंट्स और टीचर बात कर सकते हैं। ‘परीक्षा पर चर्चा 2023’ से संबंधित दिलचस्प गतिविधियों में भाग लेने के लिए छात्र, पेरेंट्स एवं शिक्षकों को आमंत्रित किया है।

बताया जा रहा है कि पीएम के कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा – 2023 कार्यक्रम के अन्तर्गत एक ऑनलाईन रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसे लिंक https://innovateindia.mygov.in/ppe-2023/ के माध्यम से दिनांक 25 नवम्बर 2022 से 30 दिसम्बर 2022 के मध्य कियान्वित किया जायेगा, जिसमें सभी बोर्डों से सम्बन्धित कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें प्रतिभाग कर सकते हैं।

इस प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड से कुल 22 छात्र-छात्राओं / शिक्षक / अभिभावकों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाना है, जिसमें विजेताओं को निदेशक, एन०सी०ई०आर०टी० द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र और प्रधानमंत्री  द्वारा लिखित “एग्जाम वॉरियर” की एक प्रति भी प्राप्त होगी।

यह प्रतियोगिता कक्षा 9वीं से 12वीं के स्कूली विद्यार्थियों के लिए खुली है। विद्यार्थियों के लिए विभिन्‍न आठ विषय निर्धारित हैं। विद्यार्थी किसी भी एक विषय पर अधिकतम 1500 शब्‍द तक में निबंध लिख सकते हैं तथा अधिकतम 500 शब्द में प्रधानमंत्री को अपना प्रश्न भी प्रस्तुत कर सकते हैं। इसी तरह माता-पिता (अभिभावक) और शिक्षकों के लिए भी विशेष रूप से डिजाइन की गई ऑनलाइन गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी विभिन्‍न विषय निर्धारित किए गए हैं, जिसके अनुसार वे अपनी एंट्री जमा कर सकते हैं।

विद्यार्थियों के लिए निर्धारित विषय

हमारी आजादी के नायक, हमारी संस्‍कृति हमारा पर्व, मेरी प्रिय किताब, आने वाली पीढि़यों के लिए पर्यावरण सुरक्षा, अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य क्‍यों जरूरी है, मेरा स्‍टार्ट अप का सपना, सीमाओं के बिना शिक्षा तथा विद्यालय में सीखने के लिए खिलौने और खेल”।

अभिभावकों के लिए निर्धारित विषय

मेरा बच्‍चा मेरा अध्‍यापक, प्रौढ़ शिक्षा-सभी को साक्षर बनाए तथा सीखना और एक साथ आगे बढ़ना।

शिक्षकों के लिए निर्धारित विषय

हमारी धरोहर, शिक्षा का अनुकूल माहौल, कौशल के लिए शिक्षा, पाठ्यक्रम का कम भार और परीक्षा का कोई भय नहीं और भविष्‍य में शिक्षा की चुनौतियां