ब्रेकिंग न्यूज : सही था नोटबंदी का फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 58 याचिकाएं

0
970

नई दिल्ली (महानाद) : केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दाखिल सभी 58 याचिकाएं खारिज कर दीं।

सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान बेंच ने सोमवार फैसला सुनाते हुए कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता। पीठ ने कहा कि नोटबंदी से पहले सरकार और आरबीआई के बीच बातचीत हुई थी। इससे यह माना जा सकता है कि नोटबंदी सरकार का मनमाना फैसला नहीं था।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किस कानून के तहत 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए गए थे। कोर्ट ने इस मामले में सरकार और आरबीआई दोनों से जवाब तलब किया था।

मामले में याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 26 (2) किसी विशेष मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों को पूरी तरह से रद्द करने के लिए सरकार को अधिकृत नहीं करती है। धारा 26 (2) केंद्र को एक खास सीरीज के करेंसी नोटों को रद्द करने का अधिकार देती है, न कि संपूर्ण करेंसी नोटों को।

विगत 9 नवंबर 2022 को केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि 500 और 1000 के नोटों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। इसीलिए फरवरी से लेकर नवंबर तक आरबीआई से विचार-विमर्श के बाद 8 नवंबर 2016 को इन नोटों को चलन से बाहर करने यानी नोटबंदी करने का फैसला लिया गया था।

सरकार ने नोटबंदी के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि यह नकली नोटों, टेरर फंडिंग, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की प्लानिंग का हिस्सा और असरदार तरीका था। यह आर्थिक नीतियों में बदलाव से जुड़ी सीरीज का सबसे बड़ा कदम था। नोटबंदी का फैसला रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की सिफारिश पर ही लिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी से हुए फायदे गिनाते हुए सरकार ने बताया था कि नोटबंदी से नकली नोटों में कमी, डिजिटल लेन-देन में बढ़ोत्तरी, बेहिसाब आय का पता लगाने जैसे कई लाभ मिले हैं। केवल अक्टूबर 2022 में 730 करोड़ का डिजिटल ट्रांजैक्शन हुआ, यानी एक महीने में 12 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन रिकॉर्ड किया गया है। जो 2016 में 1.09 लाख ट्रांजैक्शन, यानी करीब 6,952 करोड़ रुपए था।