स्ट्रीट फूड होता है हर शहर की जान
विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया और दर्जनों ठेले-रेड़ी वाले एकदम से बेरोजगार हो गये। लेकिन जिस कारण इन लोगों को बेरोजगार कर दिया वह कारण ज्यों का त्यों है। जी हां ठेले रेड़ी वालों को हटाने के बावजूद जेल रोड का अतिक्रमण खत्म नहीं हुआ। जेल रोड पर ठेले-रेड़ी वालों ने अपने ठेले न लगाये तो अब वहां पर लोग अपनी कारें पार्क करने लगे।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश पर पुलिस व प्रशासन ने मिलकर नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जिसके तहत जेल रोड पर लगने वाले खाने के ठेलो-रेड़ियों को वहां से हटा दिया। जिस कारण प्रशासन के हिसाब से जेल रोड अतिक्रमण मुक्त हो गई। लेकिन अब खाली जगह मिली तो लोगों ने उस जगह पर अपनी गाड़िया पार्क करनी शुरु कर दीं। जिससे सड़क तो अतिक्रमण से मुक्त हुई नहीं, ठेले-रेड़ी वाले बेरोजगार और हो गये।
नगरवासियों का कहना है कि सड़कों पर मिलने वाला स्ट्रीट फूड हर शहर की जान होता है। जहां, यहां पर मिलने वाली खाने-पीने वाली चीजों का स्वाद महंगे-महंगे रेस्टोरेंटों के स्वाद से कहीं अच्छा होता है, वहीं बाजार खरीदारी करने आये लोग कम पैसे में अपना पेट भर लेते हैं। इसलिए प्रशासन को इन ठेले-रेड़ियों वालों पर अपना चाबुक नहीं चलाना चाहिए। फिर ऐसे अभियान का क्या फायदा? जब सड़कों पर चलने के लिए जगह अब भी नहीं है।
प्रशासन को चाहिए कि इन ठेले-रेड़ियों वालों के लिए शहर के अंदर ही पटरियों का निर्माण कर उन्हें अपना रोजगार चलाने की सुविधा मुहैया करवाये और जो लोग दुकान के आगे सामान रखकर, अपनी दुकानों के आगे फड़ लगवाकर, अपनी गाड़ियों को जहां-तहां पार्क कर जाम की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं, उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई करने के लिए पुलिस की चीता फोर्स जैसी फोर्स बनाये। जिसका काम दिनभर बाइकों के जरिये गश्त कर अतिक्रमणकारियों का बढ़ते क्रम में चालान करना हो।