नई दिल्ली/देहरादून (महानाद): उत्तराखंड से देश की पहली हेलीकॉप्टर एंबुलेंस (एचईएमएस) की शुरुआत होने जा रही है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेर कर कहा कि ‘मैं उत्तराखंड के लोगों को बताना चाहता हूं कि देश की पहली एचईएमएस सेवा उत्तराखंड से शुरू की जाएगी।’ इस सेवा के तहत एक हेलीकॉप्टर एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश) में तैनात किया जाएगा, जहां से इसे 150 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी भेजा जा सकेगा, ताकि एक्सीडेंट का शिकार हुए किसी भी व्यक्ति तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जा सके।
बता दें कि उत्तराखंड हेलीपैड और हेलीपोर्ट नीति 2023 का प्रस्ताव उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) द्वारा किया गया है, जो राज्य में नागरिक उड्डयन बुनियादी ढांचे और पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए नोडल निकाय है। यह नीति राज्य सरकार के सशक्त उत्तराखंड मिशन के तहत तैयार की गई है। इस नीति में दो विकल्प प्रस्तावित किये गए हैं जिसमें पहले विकल्प के अनुसार चयनित भूमि स्वामी हेलीपैड / हेलीपोर्ट विकास हेतु प्राधिकरण को 15 वर्ष की लीज पर भूमि उपलब्ध करा सकता है।
भूमि स्वामी को प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से किराया दिया जाएगा और इसके अतिरिक्त चयनित आवेदक/भूमि स्वामी को निर्मित हेलीपैड/हेलीपोर्ट के संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। दूसरे विकल्प के तहत लागत में किसी भी वृद्धि सहित हेलीपैड / हेलीपोर्ट के वित्तपोषण और विकास की पूरी लागत चयनित आवेदक/भूमि मालिक द्वारा वहन की जाएगी।
हेलीपैड के लिए लगभग 10-20 लाख रुपये और हेलीपोर्ट के लिए लगभग 2-3 करोड़ रुपये की पूंजी की आवश्यकता होगी। हेलीपैड / हेलीपोर्ट के विकास, संचालन और प्रबंधन (ओ एंड एम) के लिए सभी प्रासंगिक अनुमोदन (डीजीसीए लाइसेंस / परिचालन अनुमति सहित) प्राप्त करना आवेदकों/भूमि मालिकों की जिम्मेदारी होगी। प्राधिकरण प्रासंगिक अनुमोदन प्राप्त करने में सहायता करेगा। डीजीसीए लाइसेंस/अनुमोदन की वैधता की अवधि के दौरान, आवेदक/भूमि मालिक हेलीपैड/हेलीपोर्ट उपयोगकर्ताओं से सभी राजस्व एकत्र करेगा।