दिल्ली (महानाद) : शराब घोटालो मामले के आरोपी आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को एक बार फिर से जमानत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने संजय सिंह की ओर से गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का फैसला नियमों के अनुसार है। कानून सबके लिए बराबर है। चाहे वह नेता हो या आम नागरिक। वहीं उक्त मामले में जांच प्रारंभिक स्थिति पर है। संजय सिंह के वकील ने तर्क दिया उक्त मामला राजनीति से प्रेरित है। न्यायमूर्ति ने कहा कि ईडी देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी है और अदालत रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री के अभाव में चर्चा का हिस्सा नहीं बन सकती है जो इसे साबित करती हो।
उन्होंने कहा कि इस स्तर पर रिकॉर्ड पर किसी भी सामग्री के अभाव में यह अदालत ईडी को राजनीतिक मकसद नहीं बताएगी। याचिका इस स्तर पर समय से पहले है और जांच अभी भी होनी है। अदालत को रिमांड या गिरफ्तारी के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिलता है। याचिका खारिज की जाती है।
संजय सिंह की ओर से अदालत में पेश हुए वकील ने कहा कि ईडी ने कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया है, वे देश में एक प्रतिष्ठित नेता हैं। पिछले एक साल में संजय सिंह को ईडी ने न तो समन किया और न ही पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन 5 अक्टूबर को उन्हें सीधे गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं, ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ऐसे में उनकी याचिका पर सुनवाई का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है। यह ऐसा केस नहीं है, जहां गिरफ्तारी के लिए लिखित जवाब नहीं दिया गया हो। उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है। इसकी गतिविधि किसी भी रूप में हो सकती है, इसके लिए यह जरूरी नही है कि आप मुख्य अपराध में शामिल हों। उन्होंने कहा कि सरकारी गवाह दिनेश अरोरा ने अपने बयान में कहा है कि संजय सिंह ने ही मनीष सिसोदिया से उसकी मुलाकात कराई थी।