विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : कोरोना महामारी के इस दौर में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। लोग अपने लोगों की जान बचाने के लिए आॅक्सीजन सिलेंडर और प्लाज्मा पाने के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन प्लाज्मा की डिमांड फिर भी पूरी नहीं हो पा रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि प्लाज्मा के लिए आपको दर दर की ठोकरें खाने की जरूरत नहीं है। यह आपको अपने घर में, अपनी रिश्तेदारी में ही मिल सकता है। जरूरत है केवल अपना एंटी बाॅडी टेस्ट कराने की।
जी हां, भारत विकास परिषद के रीजनल सेक्रेट्री अजय अग्रवाल ने बताया कि इस कोरोना महामारी के दौर में बहुत से लोगों को कोरोना छूकर चला भी गया है और उन्हें इस बात का अहसास भी नहीं हुआ कि वे कोरोना का शिकार बन चुके हैं और इससे उन्हें यह फायदा मिला कि उनके शरीर मेें कोरोना से लड़ने वाली एंटीबाॅडीज विकसित हो चुकी हैं। 18 से 50 वर्ष तक की आयु के ये लोग अपना एंटीबाॅडी टेस्ट कराकर कोरोना संक्रमित लोगों को अपना प्लाज्मा दान देकर उसकी जान बचा सकते हैं।
अजय अग्रवाल ने बताया कि यदि किसी भी परिवार के व्यक्ति को प्लाज्मा की जरूरत है तो वह अपने परिवार के ही स्वस्थ व्यक्तियों जिन्हें उनके हिसाब से कारोना नहीं हुआ है, का एंटीबाॅडी टेस्ट करायें। हो सकता है कि उनके ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा उनके ही परिवार में मौजूद हो। जिससे उनके ही परिवार के व्यक्ति की जान बच सकती है।
उन्होंने बताया कि भारत विकास परिषद द्वारा शीघ्र ही रामलीला ग्राउंड में एक फ्री एंटीबाॅडी टेस्ट शिविर का आयोजन किया जायेगा। जिसमें स्वस्थ व्यक्तियों की जांच कर उनमें एंटीबाॅडीज का पता लगवाया जायेगा ताकि वे अपने अपने या समाज के लोगों को बेझिझक प्लाज्मा दान कर इस महामारी से निजात दिलानेेे में सहभागी बन सकते हैं।
बता दंे कि जहां एक बार रक्तदान करने पर फिर 3 महीने तक रक्त का दान नहीं कर सकते। वहीं, 18 से 50 साल का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति प्रत्ेयक माह प्लाज्मा का दान कर सकता है। क्योंकि मशीन द्वारा रक्त में से केवल प्लाज्मा निकाल लिया जाता है बाकी का रक्त पुनः शरीर में वापिस चला जाता है। जिससे व्यक्ति के शरीर में कोई कमजोरी नहीं होती है।