स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर एक्शन शुरु, टीम ने कई पैथौलॉजी लैब पर मारा आकस्मिक छापा

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देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश पर एक्शन शुरु हो गया है। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट सेक्शन की टीम ने देहरादून में संचालित सीएमआई हॉस्पिटल में संचालित पैथोलॉजी लैब, डॉ. संजना नौटियाल पैथोलॉजी लैब, मॉडर्न पैथोलॉजी लैब, सुश्रुत हॉस्पिटल में संचालित टाटा वन एमजी ब्लड कलेक्शन सेंटर, अवस्थी पैथोलॉजी लैब में आकस्मिक छापा मारकर सभी लैबों से पंजीकरण प्रमाणपत्र, पैथोलॉजिस्ट, लैब टैक्नीशियन और ब्लड कलेक्शन सेंटर आदि के दस्तावेजों की जानकारी एकत्र की।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, (सीईए) डॉ. सीएस रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि निरीक्षण के दौरान सुश्रुत हॉस्पिटल में संचालित टाटा वन एमजी ब्लड कलेक्शन सेंटर के पास क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट के अंतर्गत पंजीकरण का प्रमाण नहीं मिला तथा मौके पर लैब टैक्नीशियन नहीं होने पर लैब को नोटिस जारी किया गया है। वहीं अवस्थी पैथोलॉजी लैब में निरीक्षण के दौरान, वहां कार्यरत लैब टैक्नीशियन का पंजीकरण पैरामेडिकल काउंसिल में न होने के कारण नोटिस जारी किया गया है।

वहीं, डॉ. संजना नौटियाल पैथोलॉजी लैब, सीएमआई हॉस्पिटल में संचालित पैथोलॉजी लैब को कलेक्शन सेंटर से संबधित सूची उपलब्ध कराने तथा डेंगू जांच से संबंधी दिशा निर्देश दिये गये।

उधर, सीलएमओ डॉ. संजय जैन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश पर जिले की समस्त लैबों को निर्देश जारी किये गये हैं कि वे अपने समस्त ब्लड कलेक्शन सेंटरों की सूची विभाग को अविलंब उपलब्ध करायेंगे। समस्त लैब तथा ब्लड कलेक्शन सेंटर सीईए एक्ट में अनिवार्य रूप से पंजीकृत किये जायेंगे तथा जांच एवं उनके नियत दरों की सूची अपने संस्थान में चस्पा करनी होगी।

उन्होंने बताया कि सभी लैबों को निर्देश जारी किये गये हैं कि मरीजों की अनावश्यक जांच न कराएं तथा नियमानुसार नियत शुल्क से अधिक शुल्क न लें। उक्त निर्देशों का उल्लंघन किये जाने पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

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