चित्तौड़गढ़ (महानाद) : राजस्थान के एक गांव के लोगों ने एक अधिकारी को रिश्वत देने के लिए चंदा मांगकर 3 लाख रुपये इकट्ठे किए। जानकारी के अनुसार गांव में स्थित मंदिर की जमीन के विवाद को हल करने के लिए 3 लाख की रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। मामले में कार्रवाई करते हुए एंटी ककरप्शन ब्यूरों की टीम ने एसडीएम के सहायक प्रशासनिक अधिकारी को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया है। यह मामला चित्तौड़गढ़ जिले में बेंगू तहसील के हरिपुरा गांव का है।
बता दें कि बेगूं के हरिपुरा गांव में एक चारभुजा नाथ जी का मंदिर है। मंदिर की जमीन पर विवाद चल रहा है और गांव के लोग इस जमीन का विवाद निबटाने में लगे हैं। आरोप है कि जमीन विवाद हल करने के लिए एसडीएम मुकेश मीणा ने गांववालों से तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी। जिस पर पंचों ने गांव की बैठक बुलाई। बैठक में तय हुआ कि गांव के लोग मिलकर तीन लाख रुपये इकट्ठा कर एसडीएम को देंगे। इसके बाद गांव वालों ने तीन लाख रुपये इकट्ठा कर एसडीएम को दे दिये और इसकी शिकायत एसीबी में कर दी। जिसके बाद बुधवार को एसीबी ने एसडीएम दफ्तर में छापा मारकर दस्तावेजों की जांच के बाद मामले का खुलासा कर दिया।
मामले में जानकारी देते हुए चित्तौड़गढ़ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद उनकी टीम ने एसडीएम ऑफिस में छापा मारा तो सहायक प्रशासनिक अधिकारी मौहम्मद असलम कुरैशी की अलमारी से तीन लाख रुपये बरामद हुए। जब असलम कुरैशी से उक्त रकम के बारे में सख्ती से पूछताछ की तो उसने एसडीएम मुकेश मीणा का नाम लिया। जब एसडीएम मुकेश मीणा से इस बारे में पूछताछ की गई तो वे भी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके।
जिसके बाद एसीबी की टीम ने एसडीएम मुकेश मीणा की घर की तलाशी ली। बताया जा रहा है कि उनके घर में रेवेन्यू से संबंधित 31 फाइलें, गाड़ी, 140 ग्राम सोना, घर में 2000 रुपए व पर्स में 18,490 रुपए मिले हैं।
वहीं, एसीबी के अनुसार मामले में तहसीलदार रामधन गुर्जर की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
एसीबी ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी असलम कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया है तथा एसडीएम मुकेश मीणा और तहसीलदार रामधन गुर्जर को नामजद किया है।