मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रदेश में जुलाई से सितंबर तक का वक्त डेंगू का प्रभाव बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के साथ ही मंकीपॉक्स को लेकर भी खास एहतियात बरतने के लिए कहा है। एनएचएम मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए विशेष निगरानी रखने को कहा है।
पढ़ें गाइडलाइन
- एडवाइजरी में लोगों को जागरूक करते हुए शरीर में चकत्ते पड़ने की स्थिति में फौरन स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के लिए कहा है।
- विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए किए किसी क्षेत्र में डेंगू मरीज मिलने पर आसपास के 50 घरों तक सर्विलांस कर फॉगिंग व अन्य कार्रवाई की जाए।
- जिला स्तर पर डेंगू की जांच के लिए एलाइजा मशीन और किट उपलब्ध होनी चाहिए।
- अस्पतालों में डेंगू मरीजों के उपचार के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड बना कर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए।
- डेंगू मरीजों की पहचान के लिए शुरुआती चरण में फीवर सर्वे कराया जाए। लक्षणों के आधार पर मरीज की डेंगू जांच करायी जाए।
- डेंगू मरीजों के लिए ब्लड बैंकों में प्लेटलेट की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में निकायों व पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए।
- वहीं कोरोना के लिए जिलाधिकारियों को जांच बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सर्दी जुकाम होने पर भी कोरोना जांच कराने की अपील की गई है।
- कोरोना जांच (Corona Test) में पाजिटिव पाए गए सभी सैंपल अनिवार्य रूप से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश भी दिए गए।