300 साल पुराने मंदिर को गिराये जाने से रोषित धर्मयात्रा महासंघ ने की राजस्थान सरकार को बर्खास्त किये जाने की मांग

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : धर्म यात्रा महासंघ ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपकर राजस्थान सरकार द्वारा हिन्दुओं का उत्पीड़न तथा 300 वर्ष पुराने मन्दिरों को गिराये जाने व गौशाला ध्वस्त करने आदि को लेकर राजस्थान सरकार को बर्खास्त किये जाने की मांग की है।

उपजिलाधिकारी काशीपुर अभय प्रताप सिंह को दिये गये ज्ञापन में धर्मयात्रा महासंघ ने कहा कि राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत की छत्रछाया में, अलवर के राजगढ़ में हिन्दू समाज की आस्था और विश्वास का केन्द्र 300 वर्ष पुराने मन्दिर को बुलडोजर चलाकर तुड़वाना, भगवान शंकर के शिवलिंग को कटर से काटना, दूसरी मूर्तियों को खंडित करना, बजरंज बली की प्रतिमा को तोड़कर कचरे के ढ़ेर पर फेंकना, गौशाला ध्वस्त करना, हिन्दू धर्म पर आस्था और विश्वास रखने वाले करोड़ों शिवभत्त और गौ भक्तों का उत्पीड़न किया है। उन्होंने कार्यवाही की निंदा और भर्त्सना की हैं।

संघ ने कहा कि अलवर में हिन्दुओं का उत्पीड़न जहांगीरपुरी दिल्ली की हिंसात्मक घटना की पुनरावृत्ति ही है। धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री कृष्ण कुमार अग्रवाल ने कहा कि देश और विदेश में रहने वाला हिन्दू राजस्थान सरकार द्वारा एक वर्ग विशेष को लुभाने के लिये की गई हिन्दू विरोधी मानसिकता से प्रेरित कार्यवाही के लिये कभी क्षमा नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी दिल्ली के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचे तो अब वह लोग शांत क्यों हैं। अलवर में हिन्दू मन्दिरों और गौशालाओं की तोड़फोड़ के विरोध में सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जाते।

ज्ञापन देने वालों में गुरविंदर सिंह चंडोक, राजेन्द्र प्रसाद राय, डॉ. महेश अग्निहोत्राी, क्षितिज अग्रवाल, अश्वनी शर्मा, देवेंद्र कुमार एड., विपिन कुमार एड., पं. अनिल शर्मा, चन्द्रभान सिंह, मदन मोहन गोले, राजपाल, सचिन शर्मा, सूरजपाल सिंह, जेएस माथुर, पंकज एड., संजय भाटिया, सुजीत शाह एड., सोनल सिंघल आदि मौजूद थे।