अपने बच्चों को दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम देना भी जरूरी : मुफ्ती रियासत अली

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अब्दुल सत्तार
रुड़की (महानाद) : मदरसा इरफान उल उलूम (रामपुर) में हुए सालाना जलसे में दिल्ली से तशरीफ लाए मौलाना मौहम्मद फारुख ने बयान करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में कुरान करीम के पैगाम और इस की शिक्षा को आम करने की जरूरत है। कुरान शरीफ की शिक्षाओं पर चलकर ही दुनिया में इंसानियत को जिंदा रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुरान करीम रोशनी में अमली जिंदगी को गुजारने से ही सच्चाई और इंसानियत की राह अमवार हो सकती है। इस वक्त मुसलमानों के जो हालात हैं उसमें जरूरत है कि मजबूती के साथ कुरआने करीम की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें और दुनिया के साथ-साथ दीनी तालीम भी हासिल करें।

मौलाना हुसैन अहमद, मुफ्ती रियासत अली ने अपने बयान में कहा कि मिल्लते इस्लाम की जिम्मेदारी है कि वह कुरआने करीम को आम करें तथा नबी ए करीम के बताए हुए रास्ते पर चलकर फिजूलखर्ची व अन्य तमाम बुराइयों को समाप्त कर अपने बच्चों को दीनी व दुनिया भी शिक्षा हासिल करने पर जोर दें। मदरसा इरफान उल उलूम के मौलाना नसीम अहमद कासमी ने जलसे में आए सभी उलेमाओं का खैर मकदम करते हुए मदरसे का वार्षिक बजट पेश किया।

इस दौरान कारी नसीम मंगलौरी, कारी मौहम्मद नौशाद, मुफ्ती मौहम्मद शौकीन, कारी मौहम्मद इस्माइल, कारी मौहम्मद आलिम, मुफ्ती खलील अहमद, मौलाना मौहम्मद सादिक, विधायक हाजी फुरकान अहमद, मास्टर एहसान इलाही, डाॅ. मौहम्मद मतीन, शाहनजर अली, हाजी महबूब अली, मौहम्मद असलम हाजी अय्यूब, मौहम्मद जुल्फिकार, हाजी इसरार, डॉ. मौहम्मद मोहसिन, मौहम्मद सुलेमान, मुनफैत प्रधान, सुलेमान कुरैशी, इरफान अहमद आदि बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे।

देर रात तक चले जलसे के समापन पर कौम की तरक्की तथा देश व प्रदेश की खुशहाली की दुआ की गई।

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