ग्वालियर (महानाद) : एक महिला पर अपने बेटे के अपहरण का आरोप लगा तो बदनामी के डर से उसने फांसी लगाकर जान दे दी।
बता दें कि तीन दिन पहले एक 9 साल बच्चे का अपहरण करने के बाद बदमाशों द्वारा पांच लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से एक आरोपी ने पुलिस को बयान दिया था उन्होंने बच्चे की मां के कहने पर ही उसका अपहरण किया था। आरोप लगाने वाला आरोपी बच्चे की मां के मायके में पड़ोस में रहता है। हालांकि पुलिस द्वारा की गई जांच में ये आरोप निराधार पाये गये और पुलिस ने बच्चे की मां को क्लीनचिट दे दी।
अपन ऊपर लगे आरोपों से महिला बेहद दुखी थी और समाज में उसकी बदनामी हो रही थी। जिसके बाद बुधवार को जब उसका पति अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जा रहा था, महिला ने घर में ही फांसी लगा कर अपनी जान दे दी।
पुलिस ने बताया कि जनकगंज थानाक्षेत्र के हारकोटा सीर निवासी 28 साल की प्रियंका पत्नी जितेन्द्र कुशवाह ने बुधवार सुबह फांसी लगा ली। घटना के समय जितेन्द्र बेटे को तैयार कर स्कूल छोड़ने जा रहा था। कुछ सामान लेने के लिए वह घर की दूसरी मंजिल पर गया तो देखा कि प्रियंका ने खुद को नीचे के कमरे में बंद कर लिया और फांसी लगा ली। जब वह नीचे आया तो तत्काल उसने कुंडी तोड़कर प्रियंका को फंदे से नीचे उतारा वह तड़फ रही थी। वह उसे तुरंत अस्पताल ले गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डाॅक्टरों ने प्रियंका को मृत घोषित कर दियां
क्या था मामला?
सोमवार को जनकगंज थानाक्षेत्र के हारकोटा सीर निवासी जितेन्द्र सिंह कुशवाह उर्फ जीतू का 9 साल का बेटा कृष दोपहर 3 बजे कोल्डड्रिंक लेने के लिए घर से बाहर निकला था। जब काफी देर हो गई और वह वापिस नहीं आया तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। शाम को 7 बजे जब परिवार वाले जनकगंज थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराने जा रहे थे तभी पिता को काॅल आई और कहा कि अपने इकलौते बेटे को जिंदा देखना चाहता है तो 5 लाख रुपए का इंतजाम कर ले। जितेन्द्र ने इसकी पुलिस का सूचना दी और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर 6 घंटे में ही बच्चे को मुक्त कराकर अपहरणकर्ता मोहन कुशवाह उर्फ मोनू, किशन पाल और दामोदर कुशवाह को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को तीनों को कोर्ट में पेशकर मोनू और दामोदर को पुलिस ने रिमांड पर ले लिया। पूछताछ में दामोदर ने बताया कि वह बच्चे की मां प्रियंका कुशवाह के मायके में पड़ोस में रहता है। उसने प्रियंका के कहने पर ही बच्चे का अपहरण किया है। जब पुलिस ने छानबीन की तो प्रिंयका पर लगाये गये आरोप निराधार पाये गये। लेकिन अपने ही बेटे के अपहरण में नाम उछलने और बदनामी से प्रियंका खुद को बेइज्जत महसूस कर रही थी। उसने मंगलवार रात से खाना भी नहीं खाया था और बुधवार को फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।