गिरफ़्त: हाकम् आया STF शिकन्जे मे, होंगे सवाल? कितने और सफेदपोश इस कांड में…

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देहरादून। एक बड़ी खबर आ रही है कि उत्तरकाशी के मोरी थाने की पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य को हिरासत में ले लिया है। आपको बता दें कि सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है कि हाकम सिंह जोकि थाईलैंड भाग गया था वो बीते 9 अगस्त को देहरादून एयरपोर्ट पहुंच गया था जहाँ उसने एसटीएफ को चकमा दे दिया वही वो उसके बाद नैटवाड़ में छिपा हुआ था जहाँ से आज वो हिमाचल भागने की फिराक में था जहाँ मोरी पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है जहाँ से उसे पूछताछ के लिए एसटीएफ देहरादून ला रही है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सवालों के घेरे में आए उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत को पुलिस ने आराकोट हिमाचल बॉर्डर से अरेस्ट कर लिया है। जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को आराकोट हिमाचल बॉर्डर पर मोरी थाना पुलिस ने इंटरसेप्ट किया है। एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पूछताछ के लिए एसटीएफ टीम देहरादून से रवाना हो गई है। आपको बता दें कि भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला तूल पकड़ने के बाद जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत पर तमाम तरह के आरोप लग रहे थे और इस बीच वह टूरिस्ट वीजा पर इंडिया छोड़ थाईलैंड भाग गया था। एसटीएफ के साथ ही ऐसा एसआईटी भी हाकम सिंह रावत से पूछताछ और बयान लेने के लिए सतर्क थी। आज मोरी थाना पुलिस ने आराकोट हिमाचल बॉर्डर से हाकम सिंह रावत को अरेस्ट किया है । एसटीएफ की टीम जल्द ही जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत को रिमांड में लेकर पूछताछ करेगीउत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में धांधली के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं और रोज नई गिरफ्तारियां भी हो रही हैं।

आज ही नैटवाड़ राजकीय इंटर कॉलेज जनपद उत्तरकाशी में तैनात एक शिक्षक को भी एसटीएफ ने जेल भेजा है। आरोपी ने अपने बयानों में कई राज एसटीएफ से साझा किए हैं वहीं पिछले 10 अगस्त को थाईलैंड से वापस आने की बात कहने वाला जिला पंचायत सदस्य पुलिस की पकड़ से भागने की फिराक में था। जिसे हिमाचल उत्तरकाशी बॉर्डर पर अरेस्ट कर लिया है। दरअसल मोरी क्षेत्र के 80 युवाओं का एक साथ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में पास होना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा था कहीं ना कहीं भर्ती मामले में जिला पंचायत सदस्य का नाम सामने आ रहा था।

फॉरेस्ट भर्ती घोटाले में जिला पंचायत सदस्य का नाम आया था सामने अब देखना होगा कि एसटीएफ जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत से क्या-क्या राज उगलवा पाती है इससे पहले भी फॉरेस्ट भर्ती घोटाले में जिला पंचायत सदस्य का नाम सामने आया था, लेकिन उस दौरान किसी बड़े नेता ने मामले में हस्तक्षेप कर आरोपी हाकम सिंह रावत का नाम लिस्ट से गायब कर दिया था। लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में किसी भी आरोपी को न बख्शने की पूरी छूट एसटीएफ और उत्तराखंड पुलिस को दी है। फिर भी अब देखना होगा कि भर्ती परीक्षा के संवेदनशील मामले में कौन-कौन सफेदपोश और बड़े नेता सलाखों के पीछे पहुंचते हैं।