कर्नाटक (महानाद) : कर्नाटक हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए छात्राओं की हिजाब से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है।
बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने 25 फरवरी 2022 को मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आजफैसल सुनाते हुए कोर्ट ने कहा है कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। फैसला आने के बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
विदित हो कि हिजाब मामले की सुनवाई के लिए 9 फरवरी 2022 को ुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है।
कोर्ट की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया गया। फैसले को देखते हुए एहतियातन दक्षिण कन्नड़ के जिला कलेक्टर ने आज 15 मार्च कोसभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी का आदेश देते हुए धारा 144 लागू कर दी है।
आपको बता दें कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू की थी। जिसके तहत सभी स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। जिसके बाद जनवरी 2022 को उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।
वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने लिखा, ‘सत्यमेव जयते… कांग्रेस और पीएफआई के जो लोग हिजाब का राजनीतिकरण कर रहे थे और लोगों के दिमाग में जहर घोल रहे थे उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले से जवाब दे दिया है। ये लोग अपने वोटबैंक की गंदी राजनीति कर रहे थे। उम्मीद है कि कांग्रेस अब फूट डालो और राज करो की गंदी राजनीति बंद कर देगी।’