देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी खटीमा सीट से हारे है। बीजेपी ने इस हार की वजह को ढूंढ लिया है। 23 में से कुछ सीटों पर भितरघात को भी वजह बताया जा रहा है। पार्टी के समीक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंपनी शुरू कर दी है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी आगे की रणनीति तय कर सकती है। माना जा रहा है जल्द ही भितरघात करने वालो पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
बता दें कि इनमें यमुनोत्री, हरिद्वार ग्रामीण, किच्छा और नानकमत्ता शामिल हैं, जबकि अन्य ज्यादातर सीटें पर संवादहीनता को वजह माना जा रहा है। सीएम पुष्कर धामी के खटीमा के अलावा लक्सर सीट पर भी भितरघात के साथ ही संवादहीनता की बात सामने आई है।
जसपुर, मंगलौर, ज्वालापुर, पिरान कलियर, झबरेड़ा और हल्द्वानी में ध्रुवीकरण होने से पार्टी प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा। बताया जा रहा है कि जिन सीटों पर भितरघात करने वालों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं। उनका जवाब-तलब किया जाएगा। संतुष्ट न होने पर ऐसे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को इसका एहसास भी कराया जाएगा। इतना ही नहीं जिलाध्यक्ष का तो पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ आडियो सबूत के तौर पर मिला है।
गौरतलब है कि बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनावों में 47 सीटें जीतने में कामयाब रही। हालांकि 2017 के मुकाबले 10 सीटों का नुकसान हुआ, तो सीएम धामी भी अपनी सीट गंवा बैठे। ये बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका था। ऐसे में बीजेपी ने सरकार गठन के बाद हारी हुई 23 सीटों की समीक्षा के लिए अलग-अलग पदाधिकारियों को नियुक्त किया और हारी हुई विधानसभा सीटों में भेजा। जिसके बाद लगभग सभी समीक्षा अधिकारी हार के कारणों की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश संगठन को सौंप चुके हैं। बचे हुए लोग आजकल में रिपोर्ट प्रदेश संगठन को सौंप देंगे। वहीं, इसके बाद रिपोर्ट अनुशासन समिति को भेजी जाएगी।