पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिलों का किसानों द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को 26 मई को 6 माह पूरे होने पर किसान संगठनों द्वारा इस दिन को काले दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए तीन कृषि बिलों का किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने से लगातार चल रहा है। किसानों के साथ सरकार की 11 बार वार्ता होने के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका, जिसके चलते 22 जनवरी के बाद अब तक सरकार ने किसानों के साथ कोई भी वार्ता नहीं की है। किसान इन तीन बिलांे को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं, सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार ने किसानों को इन बिलों की वापसी को लेकर साफ इनकार कर दिया है।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि छः माह से देश के किसान-मजदूर सड़कों पर बैठे हैं। लेकिन सरकार अभी तक सुध नहीं ले रही है। इस दौरान राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन खत्म नहीं होगा।
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि कोरोना की आड़ में सरकार किसान आंदोलन को खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस मंशा को सफल नहीं होने दिया जाएगा। 26 मई को किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं, जिसको संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान व मजदूर 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
भाकियू के जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता ने क्षेत्र के किसानों को संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश को जारी करते हुए अपील की है, कि क्षेत्र के सभी किसान अपने अपने गांव में 26 तारीख को किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर काला दिवस के रूप मे मनाएं एंव केंद्र सरकार का पुतला फूंक कर विरोध दर्ज करवाएं। कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइन को नजर अंदाज ना करते हुए मास्क लगाकर रखें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई जाए।
प्रेम सहोता ने बताया कि वह अपने किसान यूनियन के सभी किसान साथियों को साथ लेकर राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम सुंदर सिंह को सौंपेंगे।
उधर, जसपुर कोतवाल जगदीश सिंह देउपा ने कांग्रेस नेतर सुखवीर सिंह भुल्लर को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें पता चला है कि 3 कृषि बिलों के विरोध में किसानों द्वारा अपने घरो/वाहन/ट्रेक्टर पर काला झंडा लगाकर सुभाष चैक व ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र सरकार का पुतला दहन करने का प्रोग्राम है। लेकिन वर्तमान में कोरोना संक्रमण के प्रकोप के कारण किसी भी राजनीतिक/सामाजिक गतिविधियों पर प्रतिबंध है। इसलिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित न किये जायेें।
उधर, सोशल मीडिया पर उक्त पत्र को सर्कुलेट कर किसानों से नोटिस से नहीं डरने की अपील की जा रही है।