चंडीगढ (महानाद) : पंजाब कांग्रेस में लंबी चली उठापटक के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले उन्होंने अपने करीबी विधायकों के साथ बैठक भी की और इसके बाद राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ठीक 4:30 बजे राजभवन पहुंचे और इस्तीफा दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने अलावा राज्य की पूरी मंत्रिपरिषद का भी इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। साफ है कि अब कांग्रेस को नए सीएम के अलावा पूरी कैबिनेट का ही चुनवा करना होगा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह जब इस्तीफा देने गवर्नर हाउस पहुंचे तो उस वक्त उनके साथ पत्नी परनीत कौर भी मौजूद थीं। कांग्रेस पार्टी में यह भूचाल ऐसे समय पर आया है जब कुछ ही महीनों बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से सत्ता छीनने की पूरी कोशिश में जुटी हैं। राज्य में विधानसभा चुनावों के ऐन पहले पार्टी में मचा यह घमासान उसे भारी पड़ सकता है। राज्य सरकार के नेतृत्व में परिवर्तन का जनता के बीच गलत संकेत भी जा सकता है।
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर की कार्यशैली से नाराज होकर 40 विधायकों ने और मंत्रियों ने पार्टी हाईकमान से शिकायत की थी। विधायकों और मंत्रियों ने कहा कि जरूरी काम के लिए भी मुख्यमंत्री से मिलना बेहद मुश्किल है। इससे पहले हरीश रावत ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि प्रदेश के पार्टी विधायकों ने पार्टी हाईकमान को पत्र लिख कर विधायक दल की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है जिसे देखते हुए 18 सितंबर को शाम 5 बजे यह बैठक बुलाने का फैसला लिया गया है।
अपना इस्तीफा गवर्नर को सौंपने के बाद अमरिंदर सिंह ने राजभवन के बाद मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि‘यह फैसला आज ही हो गया था। एक महीने में यह तीसरी बार है, जब विधायकों की मीटिंग मुझे बिना बताए हो रही है। ऐसे घटनाक्रम से मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं।’
अमरिंदर ने कहा कि लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इन घटनाओं से ऐसा लग रहा था कि पार्टी को मुझ पर संदेह है कि मैं सरकार नहीं चला पा रहा हूं। इसलिए मैंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अब पार्टी अपने लिए जिसे भी भरोसेमंद मानती है, उसे चुन सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी जिसे सीएम बनाना चाहती है, उसे बना सकती है।