बड़ी खबर : स्टेट हाईवे से अतिक्रमण हटाने के लिए 500 से अधिक मकान-मालिकों को नोटिस जारी

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मोहित गोयल
रानीखेत (महानाद) : रानीखेत प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग ने जिले के 4 स्टेट हाईवे – एसएच 14 रानीखेत- खैरना- मोहान, एसएच 32 मरचूला- भैरंगखाल-सराईखेत, एसएच 33 स्याल्दे- भिक्यासैण-देघाट, एसएस 52 थैलीसैण-देघाट-जैनल- डोटियाल पर 500 से अधिक लोगों को अतिक्रमण हटाने के संबंध में नोटिस जारी करते हुए 1 हफ्ते के भीतर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये हैं।

आपको बता दें कि लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2018 में जिले के सभी स्टेट हाईवे पर अतिक्रमण को लेकर एक सर्वे कराया गया था, जिसमें 500 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया था। विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों को सप्ताह भर में खुद अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है यदि नहीं हटाया गया तो उन पर विभागीय कार्यवाही की बात भी कही गई है।

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उक्त नोटिस के विरोध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत और पूर्व सैनिक कल्याण प्रकोष्ठ उत्तराखंड के महासचिव घनानंद शर्मा ने तहसीलदार सल्ट के माध्यम से एक ज्ञापन उत्तराखण्ड के राज्यपाल को भेजा है, जिसमें उन्होंने लोक निर्माण विभाग के इस बेतुके फरमान पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पहाड़ों से लोग पहले ही विभिन्न कारणों से पलायन कर चुके हैं और कुछ बचे हुए लोग जिन्होंने इस पहाड़ को जिंदा रखा है वह अपने छोटे-छोटे रोजगार को लेकर सड़क पर आए हैं और पहाड़ों को बसाने में, जीवित रखने में अपना सहयोग दे रहे हैं उन्हें भी यहां से उखाड़ फेंकने की सरकार की है साजिश है। उन्होंने कहा कि इन मार्गों पर यह अतिक्रमण कोई 1 दिन में नहीं हुआ है, जब अतिक्रमण हो रहा था तब सरकारें सोई हुई थी या विभाग सोया हुआ था जो कि आज अचानक से नींद से जागने के बाद इस तरह अतिक्रमण हटाने की शर्मनाक बात की है।

शर्मा ने कहा कि यहां से उजड़ने के बाद लोग कहां जाएंगे। उन्होंने सरकार की इन नीतियों का विरोध किया, उन्होंने इसे एक आपदा मान कर कहा कि लोग अभी तक जोशीमठ आपदा से उबर नहीं पाए हैं और सरकार द्वारा यह एक नई अपदा यहां पैदा कर दी गई है। उन्होंने पहाड़ के इन छोटे-छोटे कस्बों बाजारों को बचाने के लिए बाईपास और फ्लाईओवर बनाने की बात भी रखी, ताकि यह बाजार बचेंगे तो पहाड़ बचेगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार पहाड़ों को खाली होने से बचाना चाहती है। पलायन को रोकने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रयास कर रही है और एक तरफ इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर रही है, ताकि लोगों को यहां से खदेड़ा जा सके। आखिर जब पहाड़ों में लोग ही नहीं रहेंगे तो ऐसे स्टेट हाईवे बना कर क्या फायदा होगा।

शर्मा ने कहा कि पहले सरकार की गलत नीतियों ने पहाड़ के गांव को खाली कर दिया और अब बाजारों को और कस्बों को भी खत्म किया जा रहा है।