आगरा (महानाद): खंदौली क्षेत्र में एक रिटायर्ड फौजी के बेटे ने खेल-खेल में अपने पिता के खाते से 39 लाख रुपये उड़ा दिए। जब तक पिता को पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पीड़ित की शिकायत पर रेंज साइबर थाना पुलिस ने गेम प्रोवाइडर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
बता दें कि खंदौली क्षेत्र के एक रिटायर्ड फौजी ने रेंज साइबर थाने में तहरीर देकर बताया कि उनके खाते से 39 लाख रुपये निकल गए हैं। लेकिन यह रकम कैसे निकली? इसका पता नहीं चला है। उन्होंने किसी को कोई जानकारी नहीं दी है। कोई ऐप भी डाउनलोड नहीं किया है। तहरीर के आधार पर मुलिस ने मामला दर्ज कर साइबर सेल ने जांच शुरू की। तो पता चला कि पहले रकम पेटीएम से कोडा पेमेंट में गई। इसके बाद सिंगापुर के एक बैंक के खाते में चली गई। यह खाता क्रॉफ्टन कंपनी का है। कंपनी बैटल ग्राउंड्स मोबाइल इंडिया के नाम से ऑनलाइन गेम खिलाती है। यह गेम पिछले कुछ महीने पहले भारत में काफी प्रचलित हुआ था।
गेम में हथियार और अन्य सुविधाएं भुगतान करके ली जा सकती है। रिटायर्ड फौजी का बेटा उक्त गेम खेलता था। इस लत की वजह से उसने गेम में भुगतान कर दिया। ऑटो मोड पर भुगतान करने की वजह से रकम कटती गई। इसका पता काफी समय बाद हुआ। बेटे की वजह से पिता के बैंक खाते से 39 लाख रुपये निकल गए।
साइबर रेंज थाना प्रभारी निरीक्षक आकाश सिंह ने बताया कि रिटायर्ड फौजी की तहरीर पर क्रॉफ्टन कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना की जा रही है। साक्ष्य संकलन के बाद कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आजकल बच्चे मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलते हैं। कई बार गेम में सुविधाएं बढ़ाने के लिए रुपयों की मांग की जाती है। मोबाइल में ई-वॉलेट भी होते हैं। जब बच्चे गेम में सुविधाएं बढ़ाने के लिए ओके करते हैं तो रकम कटने लगती है। इसका पता बच्चों को भी नहीं चल पाता है। इसलिए बच्चों को अकेले में गेम खेलने के लिए मोबाइल नहीं देना चाहिए। वह कौन सा गेम खेल रहे हैं, इस पर नजर रखें। जिस मोबाइल में बच्चे गेम खेल रहे हैं, उसमें ई-वॉलेट नहीं होना चाहिए। बच्चों को एटीएम कार्ड का नंबर, सीवीवी नंबर और ओटीपी आदि नहीं बताना चाहिए।