नानकमत्ता (महानाद) : चारूबेटा, खटीमा निवासी जसवीर सिंह पुत्र हरबंश सिंह की तहरीर के आधार पर पुलिस ने बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
चारूबेटा, खटीमा निवासी जसवीर सिंह ने पुलिस को बताया कि दिनांक 28.03.2024 को डेरा कार सेवा श्री नानकमत्ता साहिब के डेरा प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह डेरा परिसर में लंगरहाल के बाहर अहाते में सुबह कुर्सी पर बैठे हुए थे तथा डेरे में संबंधित कार्यों को निपटा रहे थे। तभी सुबह के लगभग 6ः15 बजे एक काले रंग की स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर दो सिख व्यक्ति डेरे के अहाते में मुख्य द्वार से दाखिल हुए। पीछे बैठे व्यक्ति के हाथ में स्वचालित राइफल जैसा हथियार था। बाबा तरसेम सिंह के नजदीक आते ही पीछे बैठे व्यक्ति ने सामने से बाबा जी को गोली मार दी। बाबा जी कुर्सी से उठकर खड़े होकर घूमे तो मोटरसाइकिल को कुर्सी के पीछे से घुमाते हुए दो गोलियां और अपने हाथ में लिए हथियार से पीछे बैठे व्यक्ति ने बाबा जी को मार दी और मोटरसाइकिल को रोके बिना उक्त लोग दक्षिण दिशा को अहाते के भीतर से भाग गए।
जसवीर ने बताया कि उक्त दोनों लोगों को बाबा जी पर गोली चलाते देख जसपाल सिंह पुत्र मंगल सिंह भागा तो उन लोगों द्वारा जसपाल सिंह को धमकाते हुए एक गोली और चलाई जो लंगर हाल के दरवाजे के उत्तरी पिलर में लगी। तभी लंगर के अहाते में मौजूद गुरुचरन सिंह उर्फ चन्ना पुत्र हरदयाल सिंह निवासी ग्राम जगत, थाना अमरिया, जिला पीलीभीत, उत्तर प्रदेश हीरा सिंह पुत्र अमर सिंह निवासी ग्राम ढकिया जलालपुर, थाना करेली, जिला पीलीभीत, महेन्दर सिंह पुत्र करतार सिंह निवासी ग्राम सुनपहर थारा खटीमा, जिला उधम सिंह नगर सभी हाल निवासी डेरा कार सेवा नानकमत्ता साहिब देवेन्दर सिंह उर्फ मिन्टू बाबा जी की ओर दौड़े।
डेरे में मौजूद बाबा जी के बैठने के स्थान से पूर्व दिशा में सामने की तरफ कमरे के दरवाजे में खड़े थे। तथा निरवैल सिंह पुत्र श्री कश्मीर सिह निवासी डेरा कार सेवा नानकमत्ता जो कि बाबा जी के बैठने के स्थान से पश्चिम की तरह लंगर हाल के गेट में खड़े थे, ने दोनों हमलावरों को ठीक से घटना घटित करते हुए हम सबने देखा है। उक्त दोनों हमलावर दिनाक 19-03-2024 से गुरुद्वारा परिसर में ही स्थित भाई मरदाना यात्री निवास नानकमत्ता के कमरा नम्बर 23 में ठहरे हुए थे तथा उसने व निरवैर सिंह ने इन दोनों हमलावरों को डेरा करा सेवा परिसर में दो दिन पहले भी घूमते हुए देखा था। इनमें से एक ने अपना नाम सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह निवासी ग्राम मियाविंड, जिला तरनतारान (पंजाब) बताया था। उक्त लोग सराय में बिना किसी निजी वाहन के आए थे तथा उनके पास सराय में रहने के दौरान कोई हथियार भी नहीं देखा गया था। घटना के समय प्रयुक्त मोटरसाइकिल व हथियार किसी स्थानीय व्यक्ति ने साजिश के तहत उन्हें उपलब्ध करायी थी। जसवीर ने बताया कि घटना में दूसरा व्यक्ति जो मोटरसाईकिल के पीछ बैठा था, ज्ञात हुआ है कि उसका नाम अमरजीत सिंह उफ बिट्टु उर्फ गंडा पुत्र सुरेन्दर सिंह ग्राम सिहौरा, थाना बिलासपुर, जिला रामपुर है।
जसवीर ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह डेरा कार सेवा गुरुद्वारा साहिब की संपति को खुर्द -बुर्द होने से रोकते थे इसी कारण तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह सिंधु पुत्र लाल सिंह निवासी ग्राम खेमपुर थाना गदरपुर तथा गुरुद्वारा प्रबंध समिति के प्रधान हरबंश सिंह चुघ पुत्र रंजीत सिंह चुघ निवासी गदरपुर तथा बाबा अनूप सिंह पुत्र राम सिंह निवासी ग्राम नवाबगंज थाना बिलासपुर जिला रामपुर की भूमिका इस हत्या के संबंध में पूरी तरह संदिग्ध है। प्रीतम सिंह सिंधु के विरुद्ध रक्षपाल सिंह द्वारा पूर्व में आत्महत्या के लिए उकसाये जाने का मुकदमा लिखाया था, जिसमें बाबा तरसेम सिंह, रक्षपाल सिंह की मदद कर रहे थे। इस घटनाक्रम की साजिश में बाबा अनूप सिंह, प्रीतम सिंह सिंधु व हरवंश सिंह चुघ के अलावा अन्य कई लोग भी शामिल हो सकते हैं।
जसवीर ने बताया कि घटना से लगभग पांच दिन पहले फतेहजीत सिंह खालसा निवासी ग्राम विलहरा, थाना अमरिया जिला पीलीभीत द्वारा अपने फेसबुस पेज में एक पोस्ट गुरूमुखी में की थी। जिसका हिन्दी रूपान्तरण जो सिंघानाल करू गद्दारी नंबर लग्गू वारो वारी है। उक्त फतेह सिंह भी उपरोक्त लोगों का ही साथी है। यह संदेह है कि यह भी बाबा तरतेम सिंह की हत्या के षडयंत्र में शामिल हो सकता है तथा इस पोस्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि यह बाबा जी की हत्या के सबंध में की गई है।
जसवीर सिंह की तहरीर के आधार पर पुलिस ने 1. सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह निवासी मियाविंड, तरनतारन, पंजाब 2. अमरजीत सिंह गंडा बिट्टू पुत्र सुरेन्दर सिंह निवासी बिलासपुर, रामपुर, 3. प्रीतम सिंह सिंधु पुत्र पुत्र लाल सिंह निवासी गदरपुर, 4. हरबंश सिंह चुघ पुत्र रंजीत सिंह चुघ निवासी गदरपुर तथा 5. बाबा अनूप सिंह पुत्र रामसिंह निवासी नबाबगंज, बिलासपुर, रामपुर के खिलाफ धारा 120बी, 302 तथा 34 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई देवेंद्र गौरव के हवाले की है।