देहरादून: नवनियुक्त मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद आज सचिवालय में आयोजित अपनी पहली सचिव समिति की बैठक में सभी विभागों को बजट प्रावधान के अनुरूप राजस्व बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही सीएस ने पूंजीगत मद पर व्यय बढ़ाने के लिए प्रयास के साथ विभागों को अपनी वार्षिक कार्य योजना पहले से ही तैयार करने तथा प्रत्येक माह का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं।
सभी विभागों से अपेक्षा की गई है कि वार्षिक कार्ययोजना में भौतिक एवं वित्तीय, आउटकम एवं आउटपुट सम्बन्धित सूचनाएं समाहित करें। आज की बैठक में मुख्य सचिव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के आय-व्यय, लक्ष्यों की प्राप्ति की स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विभाग आगामी वित्तीय वर्ष के प्रस्ताव पहले से तैयार रखे। उनके द्वारा विभिन्न परियोजनाओं एवं योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत किये जाने वाले अवस्थापना विकास से सम्बन्धित परियोजनाओं का चिन्हांकन कर Shelf of Projects तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
व्यय वित्त समिति (ईएफसी) गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से किये जाने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने विभागों अपने प्रस्ताव गति शक्ति पोर्टल पर निरन्तर अपडेट करने के कड़े निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव के निर्देश पर परियोजनाओं के गठन से लेकर उसके कार्यान्वयन तक सभी Activities गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से किये जाएगें।
मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रस्ताव मा0 मंत्रिमंडल में प्रस्तुत करने से पूर्व पूरी तरह से तैयार करने के साथ ही ससमय भेजे जाए। इसके साथ ही सीएस ने निर्देश दिए हैं कि लैण्ड बैंक ससमय तैयार रखा जाए ताकि प्रस्तावों पर अविलंब कार्य प्रारम्भ किया जा सके।
चारधाम यात्रा मार्ग की पुख्ता व्यवस्थाओं को लेकर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सचिव स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देश दिए हैं कि आगामी यात्रा सीजन के दृष्टिगत सभी विभागों को अभी से अपनी तैयारियां समयबद्धता से पूरी करनी हैं।
उन्होंने यात्रा मार्ग पर सभी जरूरतों का अभी से आंकलन करते हुए सभी व्यवस्थाएं यात्रा आरम्भ से पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। सचिव युगल किशोर पंत को देहरादून से केदारनाथ, सचिव डा0 आर राजेश कुमार को बद्रीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम को गंगोत्री धाम तथा डॉ नीरज खैरवाल को यमुनोत्री धाम की जिम्मेदारी दी गई है।
