कमिश्नर दीपक रावत ने लगाई रामनगर एसडीएम व तहसीलदार को कड़ी फटकार

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हल्द्वानी (महानाद) : कमिश्नर दीपक रावत ने शनिवार को विगत जनता दरबार में शिकायतकर्ताओं द्वारा लम्बित शिकायतों के साथ ही जनता दरबार में फरियादियों द्वारा मुख्यतयाः पेयजल, सडक, पेंशन, भूमि, अतिक्रमण, विद्युत आदि की समस्याओं से सम्बन्धित शिकायतें दर्ज कराई गई। दर्ज शिकायतों का कमिश्नर दीपक रावत द्वारा मौके पर ही निस्तारण किया गया।

रामनगर तहसील में सेवानिवृत्त सर्वे अमीन द्वारा भूमि की पैमाइश का मामला आने पर कमिश्नर रावत ने दूरभाष से रामनगर एसडीएम व तहसीलदार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकर लगाई। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त अमीनो से तहसील रामनगर द्वारा भूमि की पैमाइश कराना न्यायसंगत नहीं है जबकि वर्तमान में किसी भी सेवानिवृत्त अमीन को भूमि की पैमाइश का लाइसेन्स नहीं दिया गया है। कमिश्नर ने एसडीएम रामनगर को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि पुनः इस प्रकार के प्रकरण आने पर कानूनी कार्रवाई की जायगी। साथ ही समस्त एसडीएम को आदेशित किया कि राजस्व विभाग अपने अधीनस्थ से ही राजस्व के अभिलेख व कार्यों का निर्वहन कराये अन्यथा सम्बन्धित के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लायी जायेगी।

जनता दरबार में कमोला निवासी विमला बिष्ट ने बताया कि उनके पिताजी व गुमान सिंह ने आपसी सलाह मशविरे से जमीन की अदला बदली की थी। जिससे दोनों को अपने घर के नजदीक ही जमीन मिल जाये। गुमान सिंह द्वारा बदले में ली गई जमीन अपने नाम कर ली गई किंतु गुमान सिंह द्वारा जो जमीन विमला बिष्ट के पिताजी को दी गई थी वह बैंक में बंधक है जिस कारण भूमि का दाखिल खारिज नहीं हो पा रहा है। इस सम्बंध में कमिश्नर ने आगमी शनिवार को दोनों पक्षों को बुलाने को कहा, जिससे आपसी समझौते से मामले का निस्तारण हो सके व दूसरे पक्ष को भी सुना जा सके।

हल्दूचौड़ निवासी चिंतामणि तिवारी द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा वर्ष 2016 में ग्राम हल्दूचौड़, लालकुआं में भुवन चन्द्र धारियाल से 1400 वर्ग फिट का प्लाट क्रय किया गया था किंतु आतिथि तक दाखिल खारिज नहीं हो पाया है क्योंकि भूमि में रकबा नहीं है व उनके साथ भूमि फ्रॉड हुआ है। जिस पर कमिश्नर ने उक्त प्रकरण को लैंड फ्रॉड समिति में शामिल करते हुए अग्रिम कार्यवाही की बात कही।

भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि बन्नाखेड़ा रेंज, बैलपड़ाव में आरक्षित वन भूमि 2.4240 हेक्टयर आरक्षित वन क्षेत्र को राजस्व अभिलेखों में खसरा नम्बर 395/776 दर्ज किया गया है व 1997 से पूर्व आरक्षित वन क्षेत्र में दर्ज थी तथा 1997 में भूमि का बंदोबस्त किया गया है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए कमिश्नर ने बन्दोबस्त भूमि की जांच हेतु राजस्व व वन विभाग को नामित किया गया है, अनियिमितता पाए जाने पर धारा 28 में नक्शा दुरुस्ती की कार्रवाई की जायगी।

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी हल्द्वानी मनीष सिंह, कालाढूंगी रेखा कोहली सहित अन्य अधिकारी व भारी संख्या में फरियादी उपस्थित थे।

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