रिम्पी बिष्ट
हल्द्वानी (महानाद) : उत्तराखंड कांग्रेस के अंदर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर से सियासी तीर तो दूसरी ओर से सियासी वार चल रहे हैं। पार्टी में ये घमासान निचले स्तर से लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच जारी है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खेमों के बीच चुनावी तैयारियां छोड़ मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर वार और पलटवार का सिलसिला जारी हो है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा कांग्रेस में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने के ट्वीट के बाद यह कोल्ड वार शुरू हो गया है। अब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत पर न सिर्फ तीखी टिप्पणी की है बल्कि इशारों-इशारों में बहुत कुछ याद दिलाया है।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हरीश रावत क्या लिखते हैं, क्या बोलते हैं, वे पूर्ण रुप से स्वतंत्र हैं। ब्लाॅक प्रमुख से मुख्यमंत्री तक इतनी लंबी राजनीति करने के बाद वो पूरी तरह से आजाद हैं। हम उन पर न तो नियंत्रण लगा सकते हैं, न ही रोक लगा सकते हैं। इंदिरा ने कहा कि उनकी हरीश रावत से केवल एक ही प्रार्थना है कि वह ऐसा माहौल बनाएं कि जनता कांग्रेस के पक्ष में वोट करने को तैयार हो न कि दूसरी तरफ भागने को तैयार। इंदिरा हृदयेश ने यह भी कहा कि हम सब एकजुट हैं लेकिन जिनकी महत्वाकांक्षा ज्यादा है वह एकजुट नहीं होना चाहते, अगर हरीश रावत खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करवाते हैं तो उनको बिल्कुल भी आपत्ति नहीं है यह काम केवल राष्ट्रीय नेतृत्व का है।
हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि क्या आज तक कांग्रेस ने किसी को चेहरा बनाया है? और तंज कसते हुए कहा कि बनाया तो 2017 के चुनाव में था हरीश रावत को, जिसमें हम 11 सीट पर आ गए। 1 जिले में भी एक सीट नहीं ला पाए और मुख्यमंत्री खुद दोनों जगह से लड़े और क्या हुआ आप सब जानते हैं।
कुल मिलाकर कांग्रेस के चुनाव मोड में उतरने से पहले भीषण आंतरिक घमासान का दौर चल रहा है और ऐसे हालातों में फिलहाल इसके थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे।