देहरादून से हटने लगे स्पीड ब्रेकर, काशीपुर का नंबर लगेगा कब? क्या हैं स्पीड ब्रेकर के नियम

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विकास अग्रवाल
देहरादून/काशीपुर (महानाद) : मुख्य सचिव एसएस संधू के निर्देश पर देहरादून में अनावश्यक रूप से बने अवैध स्पीड ब्रेकरों को हटाने का काम शुरु हो गया है।

बता दें कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू इससे पूर्व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे थे और उन्होंने स्वतः संज्ञान लेकर प्रदेश की राजधानी देहरादून में बने तमाम बेढंगे स्पीड ब्रेकरों को हटाए जाने के निर्देश दिये हैं। शनिवार को पहले दिन राष्ट्रीय राजमार्ग पर हरिद्वार-देहरादून रोड के विभिन्न हिस्सों में बने स्पीड ब्रेकरों को उखाड़ने का काम शुरू कर दिया गया। अब देहरादून की प्रमुख सड़कों पर स्पीड ब्रेकर नहीं बनाए जाएंगे और सड़कों पर मौजूद स्पीड ब्रेकरों को तोड़ा जाएगा।

बदा दें कि सड़कों पर बने बड़े-बड़े स्पीड ब्रेकर लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं होते हैं। ब्रेकरों पर लगने वाले झटकों से कई बार लोगों की कमर में भी झटका लग जाता है। शोध में भी इस बात का खुलासा हो चुका है। कई बार ये ब्रेकर हादसों की भी वजह बन जाते हैं। क्योंकि एकल प्रकृति के हंप व बंप स्पीड ब्रेकरों पर प्रतिबंध होने के बावजूदद हर जगह इनकी भरमार है। इसके अलावा राजमार्गों पर सुरक्षा के नाम पर जो रंबल स्ट्रिप्स स्पीड ब्रेकर बनाए जरते हैं, वह भी इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों के विपरीत हैं।

अब जब देहरादून से स्पीड ब्रेकरों को हटाने की शुरुआत हो चुकी है। तो सवाल यह उठता है कि काशीपुर की गलियों/सड़कों को इनसे कब निजात मिलेगी। बता दें कि आप शहर के किसी भी हिस्से में जायें वहां सड़कों पर बेढंगे और इतने खतरनाक स्पीड ब्रेकर बनाये गये हैं कि अचानक अगर कोई बाइक सवार वहां से गुजरे तो दुर्घटना हो जाये। अन्यथा रीढ़ की हड्डी में झटका लगना तो तय है। शहर की बड़ी सड़कों पर तो स्पीड ब्रेकर बने ही हैं। छोटी छोटी गलियों में भी बेतादाद स्पीड ब्रेकर बना दिये गये हैं। फिर उन स्पीड ब्रेकरों से पहले ऐसे कोई संकेतक नहीं लगाये गये हैं जो बतायें कि आगे स्पीड ब्रेकर है और ना ही उन स्पीड ब्रेकरों पर पीला/काला रंग किया गया है जिससे वाहन चालक को दूर से दिख जाये कि आगे स्पीड ब्रेकर है। वहीं कुछ स्पीड ब्रेकर तो ऐसे बने हैं कि उनसे स्कूटर/मोटरसाईकिल/कार आदि उतारना बड़ी टेढ़ी खीर है। ऐसे ही कुछ स्पीड ब्रेकर उदयराज हिंदू इंटर कॉलेज के पास, मुंशीरम चौराहे के दोनों और की गलियों में बना दिये गये हैं जिनसे वाहन को चढ़ाना और उतारना बेहद कठिन काम है। इसके अलावा भी शहर की कई गलिया/रोड हैं जहां बेतरतीब स्पीड ब्रेकर बना दिये गये हैं। जिनसे गुजरकर वाहन चालकों की रीढ़ की हड्डी को लगातार नुकसान पहुंच रहा है।

क्या है स्पीड ब्रेकर बनाने के नियम – दरसअल देश में कहीं भी स्पीड ब्रेकर बनाने का नियम नहीं है। स्टेट हाइवे और मुख्य जिला मार्ग भी इस नियम से बंधे हुए हैं। बेहद जरूरी होने पर पहले यह मामला जिला यातायात सुरक्षा समिति के पास जाता है और उसे अनुमोदन के बाद ही निश्चित मापदंड के अनुरूप ब्रेकर बनवाए जा सकते हैं। लेकिन आजकल जहां भी सड़कें बनती हैं, वहां कुछ लोग दबावपूर्वक स्पीड ब्रेकर बनवा लेते हैं जो कि जानलेवा साबित होता हैं।

स्पीड ब्रेकर के लिए मानक क्या हैं – इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन के अनुसार स्पीड ब्रेकर की अधिकतम ऊंचाई 4 इंच होनी चाहिए। ब्रेकर के दोनों ओर 2-2 मीटर का स्लोप दिया जाए ताकि वाहन स्लो होकर बगैर झटका खाए निकल जाए। 6 से 8 इंच तक ऊंचाई वाले और बगैर स्लोप के ब्रेकर नहीं बनाए जाने चाहिए। स्पीड ब्रेकर के पहले चेतावनी चिन्ह लगे होने चाहिए। साथ ही ब्रेकर में सफेद या पीला पेंट एवं रेडियम होना चाहिए, जिससे दिन एवं रात में ब्रेकर दूर से ही वाहन चालकों को नजर आ जाए।

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