उत्तराखंड के लिए गर्व के पल है। प्रदेश में तैनात कर्मठ आईपीएस अधिकारी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे को गृह मंत्रालय, भारत सरकार का मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन अवॉर्ड देने का ऐलान किया गया है। उन्होंने ये अवॉर्ड उत्तराखंड में रेप कर मासूम की नृशंस हत्या करने वाले को मृत्युदंड की सजा तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने के लिए दिया जा रहा है। अवॉर्ड की घोषणा होने के साथ ही डॉ. विशाखा को बधाई देने वालों का तांता लग गया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से डॉ. विशाखा अशोक भदाणे को उत्कृष्ट विवेचना किये जाने के लिए अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गयी है। बताया जा रहा है कि ये अवार्ड उन्हें हरिद्वार के ऋषिकुल मौहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का खुलासा कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर मृत्युदंड की सजा भी दिलाने के लिए दिया जा रहा है। घटना 20 दिसंबर 2020 की बताई जा रही है। अवॉर्ड की घोषणा के बाद उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने डॉ. विशाखा अशोक भदाणे को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
बताया जा रहा है कि डॉ विशाख भदाणे (Dr. Vishakha Bhadane) महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nasik) की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम अशोक भदाणे है। उनके पिता नासिक के उमराने गांव में एक छोटे-से स्कूल में चपरासी का कार्य करते थे। उनकी माता ने बच्चों की शिक्षा और आर्थिक मदद के लिए स्कूल के बाहर एक छोटी-सी दुकान चलाने लगीं। इससे विशाखा और उनके भाई-बहन के पढ़ाई का थोड़ा-बहुत खर्च निकलता था। लोन लोकर BAMS की पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाखा ने UPSC के परीक्षा में बैठने का फैसला लिया और उसकी तैयारी में जुट गईं। वह पहले प्रयास में असफल रहीं।
बताया जा रहा है कि विशाखा ने दूसरी बार फ़िर से कोशिश किया और इस बार सफलता उनके हाथ लगी। विशाखा (Vishakha) वर्ष 2018 में सिविल सर्विस (UPSC) में सफलता हासिल कर IPS बनीं। जिसके बाद दो साल के प्रशिक्षण के बाद उनकी तैनाती हरिद्वार में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई। यहां कार्यभार संभालने के बाद दिसंबर 2021 में उन्हें पुलिस अधीक्षक क्राइम व मुख्यालय देहरादून का कार्यभार दिया गया है।