सतना (महानाद) : एक डेंटिस्ट ने शादी का दबाव बना रही अपनी असिस्टेंट प्रेमिका की दृश्यम फिल्म की स्टाइल में गला घोंटकर हत्या कर दी और उसके शव को कुत्ते के साथ दफना दिया।
सतना में फिल्म दृश्यम फिल्म की तरह ही मर्डर कर शव दफनाने का मामला सामने आया है। एक डेंटिस्ट डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने अपनी असिस्टेंट प्रेमिका की हत्या कर अपने क्लीनिक के पास ही दफना दिया। किसी को शक न हो, इसलिए उसके ऊपर उसने एक कुत्ते को मारकर प्रेमिका के शव के ऊपर दफन कर दिया। त्रिपाठी काफी दिनों तक अपनी प्रेमिका के माता-पिता को झांसा देता रहा कि उसकी नौकरी कहीं और लग गई है और वह कुछ दिनों बाद लौट आएगी। जब परिजनों का अपनी बेटी से संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने जांच करते हुए युवती की काॅल डिटेल निकाली तो उसकी आखिरी लोकेशन क्लीनिक के पास ही मिली। जब पुलिस ने डेंटिस्ट से सख्ती करने पर उसने सच उगल दिया।
मामले का खुलासा करते हुए सिटी एसपी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि मल्लाहन टोला, धवारी में रहने वाली एलएलबी की छात्रा विभा केवट (24 वर्ष) कलेक्ट्रेट भवन के पास फैमिली दंत चिकित्सालय में डाॅ. आशुतोष त्रिपाठी के क्लीनिक पर असिस्टेंट के तौर पर काम करती थी। वह पिछले 14 दिसंबर 2020 से लापता थी। उसके परिजनों ने अपनी बेटी को फोन किया लेकिन काॅल नहीं लगी। जिस पर उन्होंने डाॅक्टर आशुतोष त्रिपाठी से अपनी बेटी के बारे में पूछा तो उसने कहा कि आपकी बेटी की नौकरी लग गई है। लेकिन नौकरी कहां लगी है इसके बारे में डाॅक्टर ने कुछ नहीं बताया। इस तरह डाॅक्टर युवती के घर वालों को लगभग डेढ़ महीने तक झांसा देता रहा। आखिरकार परिजनों ने 1 फरवरी 2021 को सिटी कोतवाली में अपनी बेटी विभा केवट की गुमशुदगी करी रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने विभा केवट की कॉल डिटेल निकाली तो विभा ने आखिरी कॉल डॉ. आशुतोष त्रिपाठी को ही की थी। जिसके बाद पुलिस ने डाॅ. आशुतोष को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया। डाॅक्टर ने पुलिस को बताया कि 14 दिसंबर 2020 को ही उसने विभा केवट की हत्या कर दी थी और लाश को अपने क्लीनिक के ही पास सुलभ शौचालय के निकटं गड्ढा खुदवाकर दफन कर दी थी। शनिवार को सिटी एसपी विजय प्रताप सिंह और टीआई कोतवाली अर्चना द्विवेदी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और गड्ढा खुदवाकर विभा की लाश बरामद कर ली।
एसपी ने बताया कि डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने पहले विभा को अपने प्रेम जाल में फंसाया, फिर उसका शारीरिक शोषण करने लगा। युवती बार-बार उससे शादी करने की जिद कर रही थी। लेकिन त्रिपाठी उससे शादी नहीं करना चाहता था इसलिए उसने विभा को मारने की साजिश रची और एक दिन मौका पाकर उसने विभा का उसके ही दुपट्टे से गला घोंट हत्या कर दी। उसे डर था कि दुर्गंध आने पर लोगों को उसकी करतूत का पता चल सकता है। डाॅक्टर दो दिन तक विभा के शव को अपने क्लीनिक में ही रखे रहा। इसके बाद उसने सच छिपाने के लिए एक मरे हुए कुत्ते का भी इंतजाम किया। मजदूरों की मदद से गड्ढा खुदवाया और नमक की बोरियां मंगवाईं। इसके बाद विभा के शव को मिट्टी डालकर उसमें दफना दिया। इसके बाद दुर्गंध आने पर अगर कोई देखने पहुंचे, तो उसे युवती का शव होने का संदेह न हो इसलिए मरे हुए कुत्ते को भी उसने विभा के शव के ऊपर दफना दिया।