सलीम अहमद
रामनगर (महानाद) : रामनगर में एक युवक पर फायर कर घायल करनने वाले दो युवकें को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दोनों के पास से अवैध तमंचा, पिस्टल व कारतूस भी बरामद हुए हैं।
बता दें कि दिनांक 4 मई 2022 को राजदीप सिंह ने तहरीर देकर अपने पिता जसविंदर सिंह कि ऊपर हुए जानलेवा हमले की जानकारी पुलिस को दी थी। जिस पर पुलिस ने तहरीर के आधार पर एफआईआर सं. 150/2022 धारा 307 आईपीसी बनाम अज्ञात पंजीकृत कर जांच एसआई राजेश जोशी के सुपुर्द की थी।
अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट के निर्देशन में सीओ रामनगर बलजीत सिंह भाकुनी के पर्यवेक्षण एवं प्रभारी निरीक्षक कोतवाल अरुण सैनी के नेतृत्व में थाना स्तर पर टीम गठित की गयी। अभियुक्तों की तलाश सुरागरसी/पतारसी की कार्यवाही अमल में लायी गयी। और आज दिनांक 6 मई 2022 को समय प्रातः 6 बजे हाथीडंगर वन विभाग बैरियर से 400 मीटर आगे मालधन चौड़-काशीपुर जाने वाले रास्ते पर मोड़ के पास से दो युवकों मनविन्दर सिंह (30 वर्ष) पुत्र जरनैल सिंह निवासी ग्राम व थाना रेहड़, जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश हाल निवासी रिसेस्शनिस्ट संजीवनी अस्पताल, काशीपुर उधम सिंह नगर तथा गौरव कश्यप (24 वर्ष) पुत्र चन्द्रपाल सिंह निवासी कल्याणपुर, थाना भगतपुर, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश हाल निवासी एसआरएल लैब, काशीपुर उधम सिंह नगर को हत्या के प्रयास में प्रयुक्त पिस्टल 32 बोर मय 04 जिन्दा कारतूस मय बाइक सफेद रंग की सुजुकी के साथ गिरफ्तार किया गया।
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान अभियुक्त मनविन्दर सिंह ने बताया कि विगत 3 वर्ष पूर्व फेस बुक के माध्यम से मेरी जान-पहचान राजदीप सिंह के परिवार की किसी महिला से हो गयी थी। दोनों आपस में फेस-बुक चैटिंग करते थे व मिलना-जुलना भी हो गया था। जो राजदीप सिंह को पसन्द नहीं था। जिस संबंध में कोतवाली, काशीपुर में हमारी काउंसलिंग भी हुयी थी। सिख समुदाय के होने के कारण राजदीप के पिता जसविन्दर सिंह तथा राजदीप सिंह व पंचायत के अन्य सदस्यों द्वारा बड़ा गुरूद्वारा काशीपुर में मुझे बुलाया गया। मैने उन सभी से मांफी मांगी। लेकिन जसविन्दर सिंह ने मुझे गाली-गलौच करते हुये बहुत भला-बुरा कहा और कहा कि आज के बाद मेरे परिवार की किसी महिला से मिला तो तेरी बहनों को रखैल बना दूंगा और पंजाब से शूटर बुलाकर तुझे जान से खत्म करवा दूंगा।
मनविन्दर ने बताया कि जसविन्दर सिंह की यह बात मुझे चुभ गयी। जब भी जसविन्दर सिंह की बात मुझे याद आती थी मेरा मन करता था कि मैं जसविन्दर सिंह को जान से खत्म कर दूं। इसी बीच मेरी दोस्ती गौरव कश्यप से हो गयी। बातों-बातों में गौरव कश्यप को मैंने सारी आपबीती बतायी। गौरव कश्यप पहले ठाकुरद्वारा में मर्डर केस में जेल जा चुका है। गौरव ने कहा कि जब कभी मौका मिला तो जसविन्दर सिंह को जान से खत्म कर देंगे।
मनविन्दर ने बताया कि दिनांक 2 मई 2022 को शाम के 7 बजे गौरव मुझे मिला। हम दोनों ने जसविन्दर सिंह को जान से मारने की योजना बनाई। योजनाबद्ध तरीके से सबसे पहले हमने एक पिस्टल 32 बोर तथा एक तमंचा 12 बोर का इंतजाम किया। उसके बाद संजीवनी अस्पताल, काशीपुर के बाहर खड़ी बाइक सुजुकी चुरा कर रेलवे ट्रैक के पास छिपा दी। फिर दिनांक 3 मई 2022 को ईद का दिन होने के कारण हमने सोचा कि आज हम जसविन्दर को मारेंगे तो पकड़े नहीं जायेंगे। क्योंकि पुलिस वाले ईद की ड्यूटी में व्यस्त होंगे। इसके बाद रात्रि के 8 बजे मैं और मेरा दोस्त गौरव कश्यप संजीवनी अस्पताल के प्रांगण से चुराई हुई बाइक पर बैठकर काशीपुर से टांडा, रामनगर आये। बाइक मैं चला रहा था। गौरव कश्यप मेरे पीछे बैठा था। मेरे पास पिस्टल तथा गौरव के पास देशी तमंचा था। रात के लगभग 9-09.30 बजे लक्ष्मीपुर बनिया, आम के बाग के पास जसविन्दर सिंह अपनी बाइक पर सवार होकर अपने घर की तरफ जा रहा था। हमने अपनी बाइक से जसविन्दर सिंह का पीछा किया। जैसे ही जसविन्दर सिंह से करीब एक-दो मीटर पीछे पहुंचे तो मैने पिस्टल निकालकर जसविन्दर सिंह को जान से मारने की नीयत से फायर किया। गोली चली पर गोली जसविन्दर सिंह को छू-कर निकल गयी। इसके बाद मेरे दोस्त गौरव कश्यप ने जसविन्दर सिंह पर अपने देशी तमंचे से फायर किया। जो जसविन्दर सिंह को लग गया और वह बाइक सहित सड़क पर गिर गया। हम दोनों जसविन्दर सिंह को मरा समझ कर वहां से भाग गये। लेकिन आज हमें पता चला कि जसविन्दर सिंह अभी जिन्दा है। मरा नहीं है तो हम दोनों जसविन्दर सिंह को जान से मारने की नीयत से रामनगर आ रहे थे कि पुलिस ने हमें पकड़ लिया।
पुलिस टीम में कोतवाल अरुण कुमार सैनी, एसएसआई प्रेम विश्वकर्मा, एसआई राजेश जोशी, हे.कां. नन्दन सिंह नेगी, कां. परमजीत सिंह, राजेश सिंह, जगवीर सिंह, नीरज पाल तथा राजाराम शामिल थे।
मामले का खुलासा करने वाली टीम को एसएसपी नैनीताल द्वारा उत्साहवर्धन हेतु 5000/- रूपये नकद पुरस्कार की घोषणा की गयी है।