उत्तराखंड में एक बार फिर लोगों को बिजली का झटका लगा है। जहां ऊर्जा निगम ने प्रति यूनिट 14 से 52 पैसे बिजली के रेट बढ़ा दिए हैं। फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट के नाम पर बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई है। तो वहीं अब बिजली बिल के लिए नए नियम बनाए जा रहे है। बताया जा रहा है कि अब प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं का बिल हर महीने घटेगा और बढ़ेगा। नई नियमावली को मंजूरी दे दी गई है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने फ्यूल एंड पावर परचेज कोस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) को मंजूरी दे दी है। यूपीसीएल ने इसकी याचिका दायर की थी। इस नियमावली के लागू होने के बाद अब हर तिमाही फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट (एफसीए) नहीं लगेगा। बताया जा रहा है कि अब हर महीने में यूपीसीएल जो भी ज्यादा महंगी बिजली खरीदेगा, उसकी रिकवरी उपभोक्ताओं के बिलों से हर महीने की जाएगी।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल के लिए बाजार से बिजली खरीद को 4.72 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की हुई है। बिजली की भारी मांग के बीच यूपीसीएल इससे ऊपर कीमत पर बाजार से बिजली खरीदेगा तो उसका पूरा खर्च उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा प्रदेश में अब यूपीसीएल की ओर से हर महीने खरीदी जाने वाली बिजली की महंगाई या सस्ते होने का असर बिल पर नजर आएगा।
बताया जा रहा है कि अगर जून माह में महंगी बिजली खरीदी गई तो उसकी गणना करने के बाद अगस्त माह के बिल में जोड़ा जाएगा और सितंबर में वसूली की जाएगी। जुलाई की महंगी बिजली खरीद की भरपाई सितंबर के बिल में जोड़कर अक्तूबर में वसूल की जाएगी। उदाहरण के लिए अगर यूपीसीएल किसी माह 9 रुपये की दर से बिजली खरीदेगा तो 4.28 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूली की जाएगी। हालांकि, नियामक आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 20 प्रतिशत से अधिक की वसूली नहीं की जा सकेगी।