देहरादूनः उत्तराखंड में विकास के लिए सरकार की ओर से कवायद की जा रही है। इसी कड़ी में अब राजधानी की दो बड़ी नदियों के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने का फैसला लिया गया है। ये नदियां बिंदाल और रिस्पना है। बताया जा रहा है कि इन मार्गों को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि अन्य राज्यों में आने वाले पर्यटकों को मसूरी जाने के लिए बाहर से होकर न गुजरना पड़े । 3400 करोड़ की लागत बिंदाल और रिस्पना पर एलिवेटेड रोड बनाने के लिए सरकार ने अपनी कार्रवाई शुरु कर दी है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बिंदाल नदी पर कुल 15 किमी की प्रतिवेटेड रोड बनाई जाएगी । इसके साथ ही रिस्पना पर 11 किमी को एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव है। शासन स्तर पर इन एलिवेटेड सडकों के लिए फिजीबिलिटी सर्वे करा लिया गया है। बताया जा रहा है कि देहरादून शहर में आबादी के बढ़ते दबाव और यातायात की समस्या की वजह से ये खाका तैयार किया गया है। रिस्पना पुल से सहस्त्रधारा और बिंदाल पुलिस से मैक्स अस्पताल तक एलिवेटेड रोड बनाई जायेगी। ये प्रोजेक्ट देहरादून शहर की आये दिनों सबसे बड़ी समस्या बने जाम के लिए रामबाण साबित होगा।
बताया जा रहा है कि देहरादून में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए रिस्पना और बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड बनाये जाने का खाका तैयार हो गया है। एलिवेटेड रोड बन जाने से शहर के भीतर जाम से बड़ी राहत मिलेगी। इसको लेकर मुख्य सचिव एसएस संधू, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। इन सड़कों के निर्माण में 3400 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। लेकिन इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
रिपोर्टस की माने तो मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाने का सपना संजोया था और इसपर काम भी शुरू किया था। हालांकि रिस्पना को ऋषिपर्णा बनाने का सपना धरातल पर नहीं उतर पाया। आज भी ये नदी नाले में ही तब्दील है। ऐसे में लोगों ने इस पर सवाल उठाये हैं। उनका कहना है कि रिस्पना को संवारने का जो सपना था उसपर पूरा काम नहीं हो पाया और अब अगर इसपर एलिवेटेड रोड बन जाती है तो ऐसे में रिस्पना नदी के पुनर्जीवन का सपना, सपना ही रह जायेगा।