नई दिल्ली (महानाद): केंद्र सरकार ने आज बृहस्पतिवार को साफ कर दिया कि रेस्टोरेंट की तरफ से बिल के साथ लिया जाने वाला सर्विस टैक्स पूरी तरह से गैरकानूनी है। यदि इसे ग्राहक पर दबाव बनाकर वसूला गया तो ग्राहक रेस्टोरेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। सरकार ने होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन से तुरंत यह प्रैक्टिस रोकने के लिए कहा है।
बता दें कि केंद्र सरकार रेस्टोरेंट संचालकों की तरफ से बिल के साथ वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज के कानून में बदलाव करने के पक्ष में है। इसके बाद ग्राहक और ज्यादा ताकतवर हो जाएगा। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सर्विस चार्ज पर सख्ती दिखाते हुए आज बृहस्पतिवार को बड़ी बैठक बुलाई थी। बैठक में सख्ती दिखाते हुए होटल एसोसिएशन से दो टूक कहा गया कि सर्विस चार्ज लेना गैर कानूनी है।
सर्विस चार्ज से बचाने के लिए सरकार जल्द ही ग्राहकों को इसके लिए कानूनी अधिकार देने जा रही है। सरकार की तरफ से दिये गये बयान में कहा गया है कि वर्ष 2017 के कानून के अनुसार सर्विस चार्ज देना या न देना ग्राहक की मर्जी थी। मर्जी नहीं होने पर ग्राहक इसे देने से मना कर सकता था। लेकिन होटल वाले इसे लगातार हर ग्राहक से वसूल रहे हैं।
भारत सरकार की तरफ से 21 अप्रैल, 2017 को जारी गाइडलाइंस में कहा गया था कि कई बार कंज्यूमर बिल में लगे सर्विस चार्ज देने के बाद भी वेटर को अलग से ये सोचकर टिप देते हैं कि बिल में लगने वाला सर्विस चार्ज सरकार को जाने वाले टैक्स का पार्ट होगा। हालांकि खाने की जो कीमत लिखी होती है उसमें माना जाता है कि इसमें खाने की कीमत के साथ-साथ सर्विस चार्ज जुड़ा हुआ है।