हरीश-रंजीत के बीच में फंसी रामनगर सीट, गुटबाजी का फायदा मिल सकता है अन्य दल को

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सलीम अहमद
रामनगर (महानाद) : जहां 2022 विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरु हो चुका है और बसपा प्रत्याशी हेम भट्ट अपना नामांकन दाखिल भी कर चुके हैं। वहीं रामनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी घोषित न होने से कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल रामनगर में कांग्रेस दो गुटों में बंटी नजर आ रही है। कार्यकर्ताओं कांग्रेस का एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थन में खड़ा है तो दूसरा गुट सल्ट के पूर्व विधायक रंजीत रावत के पक्ष में नजर आ रहा है। फिलहाल दोनों पक्ष अपने अपने कैंडिडेट के समर्थन में मजबूती से खड़े हैं। कोई कह रहा है कि हरीश रावत रामनगर से प्रत्याशी होंगे तो कोई कह रहा है रंजीत रावत कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे। अब देखना यह है कि आखिरकार कांग्रेस आलाकमान रामनगर से किस दिग्गज को अपना प्रत्याशी बनाता है। जहां हरीश रावत तो रंजीत रावत की दुश्मनी के चर्चे आम हैं और हरीश रावत को उत्तराखंड कांग्रेस का एकमात्र नेता माना जाता है जिसकी दिल्ली आलाकमान में गहरी पैठ है तो दूसरी ओर हरीश रावत के विरोध के बावजूद रंजीत रावत को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
उत्तराखंड में रामनगर विधानसभा सीट एक अलग ही मुकाम रखती है। यह हॉट सीट मानी जाती है। हरीश-रंजीत की इस गुटबाजी का फायदा अन्य दलों को मिल सकता है। अब इस सीट पर कांग्रेस का क्या भविष्य होगा यह भविष्य के ही गर्भ में है।

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