धर्मवीर बात्ता
चंडीगढ़ (महानाद) : हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने हत्या के एक मामले में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह सहित 5 लोगों को दोषी करार दिया है। बता दें कि 10 जुलाई 2002 डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी रणजीत सिंह की को कुरुक्षेत्र में कथित तौर पर डेरा प्रमुख के खिलाफ विद्रोह करने के बाद 4 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। राम रहीम सहित सभी दोषियों की सजा पर 12 अक्टूबर को फैसला सुनाया जाएगा।
विदित हो कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (54 वर्ष) हरियाणा में अपनी दो शिष्यों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं। अगस्त 2017 में सीबीआई की एक विशेष अदालत द्वारा उन्हें बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। इससे पूर्व 2019 में राम रहीम सहित तीन अन्य लोगों को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पत्रकार रामचंद्र ने राम रहीम द्वारा अपने आश्रम में किये गये यौन शोषण का खुलासा किया था।
विदित हो कि बलात्कार तथा हत्या के आरोपी गुरमीत राम रहीम पर अपने 400 से अधिक अनुयायियों को कथित रूप से नपुंसक बनाने का भी आरोप है। राम रहीम कथित तौर पर 2015 की बेअदबी मामले में भी शामिल थे, जो अब पंजाब कांग्रेस की उथल-पुथल के कारण सुर्खियां बटोर चुका है। डेरा प्रमुख पर बरगाड़ी में पवित्र पुस्तक के फटे पन्ने मिलने के बाद बुर्ज जवाहर सिंह वाला गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति चोरी करने का आरोप लगाया गया था। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। पंजाब पुलिस ने भी स्टेटमेंट दिया है कि राम रहीम को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है।
यहां आपको यह भी बता दें कि वर्ष 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के दौरान उनके समर्थकों द्वारा पूरे हरियाणा और भारत में हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ की गई थी। जब उन्हें कोर्ट ने दोषी ठहराया था तो राम रहीम के 2 लाख से अधिक भक्तों ने पंचकूला कोर्ट का घेराव कर हंगामा काटा था जिस कारण बहुत से लोग घायल हुए थे।