मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी के महीनों के दौरान अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों हेतु व्यापक एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य सचिव, डॉ. आर. राजेश कुमार ने अग्नि सुरक्षा एडवाइजरी जारी कर अस्पताल प्रबंधन, स्टाफ और नियामक निकायों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि यह आवश्यक है कि हम विनाशकारी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाएं।
एडवाइजरी में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा जारी “स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्नि सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देशों” का पालन करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। सभी अस्पतालों को इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के अनुसार राज्य अग्निशमन विभाग से वैध अग्नि अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करना, और नियमित अग्नि सुरक्षा ऑडिट और ऑन-साइट निरीक्षण करना आवश्यक है।
एडवाइजरी में अस्पताल निर्माण और साज-सज्जा में गैर-दहनशील और अग्नि-प्रतिरोधी सामग्री के उपयोग का भी आह्वान किया गया है, विशेष रूप से मरीजों की देखभाल के क्षेत्रों में। साथ ही इसमें रखरखाव, प्रशिक्षण, नियमित निरीक्षण एवं ऑक्सीजन सुरक्षा जैसे सभी जरूरी उपाय शामिल हैं।
डॉ.आर राजेश कुमार ने सभी स्वास्थ्य सुविधाओं से इन उपायों को गंभीरता से लेने का आग्रह किया ताकि मरीजों, कर्मचारियों और आगंतुकों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग राज्य के अस्पतालों में उच्चतम अग्नि सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।