नानकमत्ता (महानाद) : एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देशन में पुलिस ने नानकमत्ता क्षेत्र में मिली डेड बॉडी के रहस्य से पर्दा उठाते हुए उसके 2 हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया। युवकों ने शराब के नशे में घटना को अंजाम दिया था।
मामले का खुलाासा करते हुए एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि दिनांक 01.11.2024 को थाना नानकमत्ता पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि करतार सिंह की बगिया, ग्राम सिद्धा में झाड़ियों के पास एक अज्ञात शव पड़ा हुआ है। सूचना पर थानाध्यक्ष द्वारा मय फोर्स के तत्काल घटनास्थल पर पहुंच शव को कब्जे लेकर शव की शिनाख्त के प्रयास किये। मृतक के सिर, चेहरे, शरीर में चोटों के काफी निशान थे। प्रथम दृष्टया मृतक की अज्ञात द्वारा हत्या किया जाना स्पष्ट हो रहा था। कड़ी मशक्कत के बाद दिनांक 4 नवम्बर 2024 को अज्ञात शव की शिनाख्त हीरा सिंह पुत्र केसर सिंह निवासी चौड़ाकोट, थाना पाटी, जिला चम्पावत हाल निवासी नानकमत्ता बाजार के रूप में हुई। मृतक के पिता केसर सिंह पुत्र जय सिंह की तहरीर के आधार पर बीएनएस की धारा 103(1), 238 बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा द्वारा घटना के शीघ्र खुलासे हेतु आदेश एवं दिशा निर्देश के क्रम में पुलिस अधीक्षक रुद्रपुर मनोज कत्याल एवं क्षेत्राधिकारी खटीमा के पर्यवेक्षक में थानाध्यक्ष नानकमत्ता देवेन्द्र गौरव के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम द्वारा घटना के खुलासे के लिये लगभग 150 लोगों से पूछताछ एवं लगभग 100 सीसीटीवी कैमरो की निगरानी की गयी साथ ही साथ एसओजी से भी तकनीकी सहायता ली गयी। गहन पतारसी सुरागरसी करने पर विजयपाल पुत्र नन्हेलाल निवासी गरगईया, थाना देवरनिया, जिला बरेली, उत्तर प्रदेश तथा जय पुत्र पप्पू भारती ग्राम सिद्धा, नवादिया, बिजली कॉलोनी, नानकमत्ता जिला ऊधम सिंह नगर का नाम प्रकाश में आया।
दोनों अभियुक्तों को दिनांक 9.11.2024 को हरिसात में लेकर पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने शराब के नशे मे हीरा सिंह की हत्या कर दी। घटना में प्रयुक्त बेल्ट पुलिस पूर्व में ही कब्जे में ले चुकी थी तथा दिनांक 9/11/2024 को उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त ईंट (आला ए कत्ल) तथा मृतक के कपड़े (शर्ट, व टी-शर्ट) व चप्पल बरामद किया गया।
पुलिस टीम में थानाध्यक्ष देवेन्द्र गौरव, थानाध्यक्ष झनकईया अनिल जोशी, एसआई संजय कुमार, अशोक काण्डपाल, एएसआई कृपाल सिंह, कां. प्रकाश आर्या, मोहन बोरा तथा एसओजी प्रभारी संजय पाठक तथा कां. भूपेन्द्र आर्या शामिल थे।